चौथे के बाद पांचवें चरण में भी बढ़ा मतदान
स्वतंत्रदेश,लखनऊलोकसभा चुनाव के पांचवें दौर के लिए मतदान 20 मई को खत्म हो गया। इस चरण में आठ प्रदेशों की 49 सीटों पर 695 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे। पांचवें दौर में सबसे ज्यादा 14 सीटें उत्तर प्रदेश की जबकि सबसे कम जम्मू कश्मीर और लद्दाख की एक-एक सीट पर वोट डाले गए। निर्वाचन आयोग की तरफ से वोटर टर्नआउट मोबाइल एप पर जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, पांचवें चरण की 49 सीटों पर 62.20 फीसदी मतदान हुआ। हालांकि, इस आंकड़े में बदलाव संभव है। 2019 में इन 49 सीटों पर 62.01 फीसदी मतदान हुआ था। अब तक के चुनावों में मत प्रतिशत चर्चा का बड़ा विषय रहा है। विपक्ष ने चुनाव आयोग पर देरी से वोटिंग के आंकड़े देने का आरोप लगाया जिसका आयोग ने खंडन किया है। वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि विपक्ष ने पहले ही हार मान ली है।
2019 में तुलना में इस बार कैसे हो रहा मतदान?
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 102 सीटों के लिए वोट डाले गए थे। 2019 में इन 102 सीटों 69.96 फीसदी वोट पड़े थे जबकि इस बार 66.14% मतदान हुआ है। दूसरे दौर में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर मतदान हुआ था। पिछले चुनाव में इन 88 सीटों पर कुल 70.09 फीसदी मतदान हुआ था जबकि इस बार का आंकड़ा 66.71% रहा। यहां ध्यान देने वाली बात है कि मणिपुर की बाहरी मणिपुर लोकसभा सीट के 15 विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था, जबकि अन्य 13 विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे चरण में मतदान कराया गया था।
11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 सीटों पर तीसरे चरण का मतदान हुआ था। इन 93 सीटों पर 2019 में कुल 66.89% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था जबकि इस बार 65.68% वोटिंग हुई।
10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 96 सीटों पर चौथे चरण में मतदान हुआ। इन 96 सीटों पर 2019 में कुल 69.12 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। वहीं, इस बार 69.16 फीसदी मतदान हुआ है। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने कई तरह के अभियान चलाए जिसका असर चौथे चरण के मतदान में भी दिखा। इस तरह से पहले चार चरणों में कुल 66.95% मतदान हुआ है।
20 मई को पांचवें चरण में 49 सीटों पर 60.48 फीसदी मतदान हुआ। 2019 में इन सीटों पर कुल 62.01% मतदान दर्ज किया गया था।