कैमरे में कैद हुआ बीएचयू बवाल, घटनास्थल की फोटो भी सामने आई
स्वतंत्रदेश ,लखनऊन किसी को क्लास करने की जल्दी थी ना लाइब्रेरी जाने की…। हॉस्टल कैंपस में सन्नाटा था। मेस में भी इक्का दुक्का ही स्टूडेंट्स पहुंचे। हर डिपार्टमेंट की क्लास खाली थी। न स्टूडेंट्स क्लास करने आए, न ही प्रोफेसर उन्हें पढ़ाने। रोजाना जिन लैब में घंटों स्टूडेंट्स शोध कार्य में लगे रहे थे, वहां भी खामोशी पसरी थी। कुछ अलग था तो हॉस्टल गेट पर गार्ड मुस्तैदी से खड़े थे। वार्डन भी अपनी ड्यूटी पर जमी हुई थीं। बुधवार रात आईआईटी बीएचयू कैंपस में हुई घटना के बाद से सभी गर्ल्स हॉस्टल में शुरू हुई गहमागहमी ने सुबह तक आक्रोश का रूप ले लिया था। सुबह दस बजे तक आईआईटी बीएचयू के हजारों छात्र-छात्राएं सड़क पर थे…।
जिस छात्रा के घटना हुई वह इसी हॉस्टल में रहती है। जाहिर है यहां सुबह से हॉस्टल में अजीब सी गहमागहमी थी। रोजाना की तरह यहां दोस्तों और रूममेट्स के बीच मस्ती-मजाक नहीं, घटना पर अफसोस था। छात्राओं में गुस्सा और नाराजगी थी। सुबह से ही यहां हॉस्टल के अंदर और बाहर मुस्तैदी बढ़ा दी गई थी। हालांकि, छात्राओं के आने जाने में किसी तरह की कोई रोकटोक नहीं थी। यहां रह रहीं छात्रा स्वाति ने बताया कि वार्डन आज कई बार राउंड पर आईं। कई प्रोफेसर खास तौर पर महिला प्रोफेसर भी हॉस्टल में छात्राओं से बातचीत करने पहुंचीं थीं।
यहां भी सुबह से हॉस्टल में सन्नाटा था। रूममेट के बीच रात की घटना की चर्चा होती रही। क्लास, खाना-पीना छोड़कर सभी लड़कियां अपनी सुरक्षा के लिए सुबह ही हॉस्टल छोड़ कैंपस के प्रोटेस्ट में शामिल थीं। इस हॉस्टल में रह रहीं फोर्थ ईयर की छात्रा दिव्यांशी ने बताया कि वार्डन ने कई बार हॉस्टल का दौरा किया। हॉस्टल गेट पर सुरक्षाकर्मियों के लिए महिला गार्ड भी तैनात थीं। हालांकि, धरने में शामिल होने की वजह से सुबह से रात तक सभी हॉस्टल तकरीबन खाली ही थे। कैंपस में लड़कियों की सुरक्षा एक बड़ा मसला है। ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। इसलिए इसके खिलाफ एक होकर हमने आवाज उठाई।