उत्तर प्रदेशराज्य

रोडवेज के ड्राइवर-कंडक्टरों का कार्य बहिष्कार तेज

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:क्षेत्रीय प्रबंधक को हटाने पर अड़े रोडवेज के ड्राइवर-कंडक्टरों का कार्य बहिष्कार शुक्रवार को और तेज हो गया है। अवध डिपो से शुरू आंदोलन अब परिक्षेत्र के सभी जिलों में पसर गया है। राजधानी के कैसरबाग, चारबाग, कमता, अवध, उपनगरीय, हैदरगढ़ डिपो के अलावा बाराबंकी व रायबरेली में भी कर्मचारियों ने चक्का जाम कर दिया है। मांग है कि क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार को हटाया जाए। आंदोलन से यात्री परेशान हैं।

कोटा से ट्रेन से सुबह लखनऊ पहुंचे प्रशांत कुमार को लखीमपुर खीरी जाना था। उन्हें चारबाग में कोई बस नहीं मिली, किसी तरह कैसरबाग पहुंचे वहां भी पता चला कि बसों का चक्का जाम है। आखिरकार 2500 हजार रुपये में टैक्सी करके गंतव्य को रवाना हुए। उल्लेखनीय है कि रोडवेज की बसें इधर सड़क हादसों का शिकार हुई। निगम ने हादसों पर अंकुश लगाने के लिए नियम बनाया कि बस ड्राइवर व कंडक्टर आठ से नौ घंटे विश्राम करने के बाद ही बसों का संचालन करें।

मसलन, कोई बस लखनऊ से वाराणसी पहुंची तो वहां उसे तय समय रुककर लौटना होगा। शाम को पहुंचने वाली बसें रात्रि में कम यात्री लेकर लौटने पर ड्राइवर व कंडक्टरों पर लोड फैक्टर कम होने से कटौती करने की धमकी दी गई। इसी तरह ड्यूटी शेड्यूल में खामी सहित अन्य मामलों से खफा ड्राइवर कंडक्टर आंदोलन छेड़ दिया। अवध डिपो से अधिकांश एसी बसों का विभिन्न रूटों पर संचालन होता है। गुरुवार सुबह 8.30 बजे कार्य बहिष्कार शुरू हुआ। रामराज विश्वकर्मा ने बताया कि करीब 200 कर्मचारी सुबह से धरना दे रहे हैं। कुछ देर बाद क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पहुंचे और कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए।

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