एक देश एक कानून’ के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि, भारत में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग हैं। सभी को अपनी पहचान के साथ जीने की आजादी होनी चाहिए। इसलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना अलोकतांत्रिक होगा।
दरअसल, रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक लखनऊ में हुई। जिसकी अध्यक्षता मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी ने की। बैठक में AIMIM प्रमुख ओवैसी सहित 51 कार्यकारी सदस्य शामिल हुए।
अधर्म चाहे नागरिकों की ओर से हो या शासकों की ओर से, निंदनीय है
बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी ने कहा, “दशकों से बने घरों को तोड़ा जा रहा है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को सबसे कड़े कानूनों के तहत फंसाया जाता है। अनिश्चित काल के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है। अधर्म, चाहे नागरिकों की ओर से हो या शासकों की ओर से, निंदनीय है और सभी नागरिकों और हितधारकों को इसका कड़ा विरोध करना चाहिए।”
रहमानी ने कहा, “असम में लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, क्योंकि सालों पहले उन्होंने 18 साल से कम उम्र की महिलाओं से शादी की थी। यह मामला पहले ही हरियाणा और पंजाब से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका था, इसलिए फैसला आने तक असम सरकार को कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।”