हार्ट अटैक के छह घंटे के अंदर संजीवनी है टेनेक्टाप्लेस इंजेक्शन
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:शीत लहर की वजह से हाइपरटेंशन और दिल के मरीजों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। हार्ट अटैक पड़ने के बाद शहर ही नहीं आसपास के 16-17 जिलों के मरीज गंभीर स्थिति में लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान पहुंच रहे हैं। हार्ट अटैक पड़ने के छह घंटे के अंदर अगर मरीज हृदय रोग संस्थान पहुंच जाएं तो उनकी जान बचाई जा सकती है।
शासन ने मरीजों के लिए निश्शुल्क टेनेक्टाप्लेस इंजेक्शन मुहैया कराया है, जिससे जनवरी के 10 दिन में 74 हार्ट अटैक के मरीजों की जान बचाई गई है। हृदय रोग संस्थान की इमरजेंसी में एक जनवरी से अब तक हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर के 304 गंभीर मरीज भर्ती हुए हैं। उनमें से हार्ट अटैक पड़ने के छह घंटे के अंदर 74 मरीज भर्ती हुए। उनके वजन के हिसाब से टेनेक्टाप्लेस इंजेक्शन की डोज लगाई गई, जिससे 62 मरीजों की जान बच गई। इंजेक्शन लगाने के बाद भी 12 मरीजों की जान नहीं बच सकी। विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें विलंब से अटैक का पता चला होगा, जिससे वह सही समय नहीं बता सके।
मरीज के वजन के हिसाब से इंजेक्शन की डोज
हार्ट अटैक के बाद हृदय रोग संस्थान की इमरजेंसी में मरीज लाए गए। उनके वजन के हिसाब से छह घंटे के अंदर इंजेक्शन लगाया जाता है।60 किलोग्राम से कम वजन के मरीजों को टेनेक्टाप्लेस इंजेक्शन की 30 एमजी डोज लगाई जाती है। अगर मरीज का वजन 60 किलोग्राम से अधिक है तो उन्हें इंजेक्शन की 40 एमजी की डोज लगाई जाती है।