चमड़े वाले रंग से रंगी चायपत्ती, इन जिलों में बनाया अड्डा
स्वतंत्रदेश ,लखनऊसस्ती और मिलावटी चायपत्ती का अड्डा गोरखपुर के अलावा पड़ोसी जिलों देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज में भी है। देवरिया के गौरी बाजार वाले अड्डे से कई जगहों पर सप्लाई की जाती है। इसके अलावा कुशीनगर और महराजगंज में भी इसका बड़ा सेंटर है। गोरखपुर के गोदाम संचालक के पास से देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, कानपुर आदि जिलों के दुकानदारों को भेजे गए माल का बिल मिला है, जिसकी जांच हो रही है। गोरखपुर और आसपास के जिलों में हर दिन करीब आठ हजार क्विंटल चायपत्ती की खपत होती है। इसको देखते हुए यहां ब्रांडेड कंपनियों के अलावा कई छोटी-छोटी कंपनियों ने भी अपनी एजेंसी दे रखी है। इसके अलावा 25 किलो के बोरे में खुली चायपत्ती भी बड़े पैमाने पर आती है। ब्रांडेड चायपत्ती जहां 350 से 450 रुपये किलो की है, वहीं खुली चायपत्ती 120 से 150 रुपये किलो। सस्ती होने के चलते इस चायपत्ती की दुकानों पर अधिक मांग रहती है।

ग्रामीण बाजारों में खूब खपती है यह चायपत्ती
25 किलो के बोरे में आने वाली चायपत्ती की डिमांड शहर से अधिक ग्रामीण इलाके में रहती है। चाय के दुकानदारों के अलावा अन्य ग्राहक भी इसे सस्ती होने के नाते खरीदते हैं। थोक विक्रेता इसे गोरखपुर से 120-150 रुपये किलो के भाव खरीदते हैं और अपनी दुकान से 180 से 200 रुपये किलो के भाव बेच देते हैं।
छोटे दाने वाली चायपत्ती जल्द घुलती है, रंग आता है गाढ़ा
धंधेबाजों ने चाय के दुकानदारों को इस तरह से धंधे में उलझाया है कि वे खुले में बिकने वाली चायपत्ती को ही असली और पैकेटबंद चायपत्ती को केवल प्रचार वाला मान रहे हैं। सिविल लाइंस में एक चाय की दुकान के सामने दिन भर ग्राहक दिखते हैं। दुकानदार की यह दूसरी पीढ़ी है।
खुली चायपत्ती को ही असली बता रहे इस दुकानदार का कहना था कि बड़ा दाना घुलने में अधिक समय लेता है और रंग भी अच्छा नहीं आता, वहीं महीन दाने वाली खुली चायपत्ती का एक चम्मच पड़ते ही चाय का रंग आ जाता है। लोग इस चाय की तारीफ करते हैं। दोपहर करीब एक बजे दुकान पर पहुंचे तीन ग्राहकों ने चाय का आर्डर दिया।
एक रेस्टोरेंट से भी लिए गए तीन नमूने
दोपहर में शहर में निकली खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने इंदिरा बाल विहार स्थित एक रेस्टोरेंट के स्टोर व किचन की जांच की। यहां सफाई की स्थिति ठीक मिली। टीम ने यहां से तीन नमूने लिए, जिन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति की शिकायत पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम यहां जांच के लिए पहुंची थी।चायपत्ती के गोदाम की जांच के दौरान वहां गोरखपुर के अलावा देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज और कानपुर के व्यापारियों का बिल मिला है। यहां बड़े पैमाने पर मिलावटी चायपत्ती का धंधा फैला है। सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आते ही केस दर्ज कराया जाएगा।