25 बसें हो चुकी हैं स्वाहा, कभी शॉर्ट सर्किट तो कभी धूम्रपान बना वजह
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:प्रदेश में रोडवेज बसों का बेड़ा भले ही काफी बड़ा है लेकिन, उसकी खस्ता हालत किसी से छिपी नहीं है। जो बसें चलने लायक नहीं है, उन्हें भी जैसे-तैसे विभिन्न रूटों पर दौड़ाया जा रहा है। यही वजह है कि 24 माह में रोडवेज की 25 बसों में आग लगी, यात्रियों को किसी तरह से शीशा तोड़कर निकाला गया। अभी इन बसों से जल्द निजात मिलने की उम्मीद नहीं है।
राजधानी के आसपास नवंबर व दिसंबर माह में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की दो बसों में आग लग चुकी है। 28 नंवबर को अयोध्या रोड पर चिनहट के आगे कैसरबाग डिपो की जनरथ बस में चलती बस में आग लग गई, यात्रियों को जैसे-तैसे उतारा गया। इस घटना में लखनऊ क्षेत्र के सेवा प्रबंधक सहित तीन निलंबित हो चुके हैं। 11 दिसंबर को बंथरा में आजाद नगर डिपो की चलती बस में आग लगी। फोरमैन सहित अन्य पर कार्रवाई हुई है। सबसे अधिक घटनाएं चित्रकूट क्षेत्र में आग की घटनाएं होने पर वहां भी कार्रवाई हुई है। बसों में शार्ट सर्किट से 13 बसों में आग लगी है। इसी तरह से डीजल टैंक डैमेज होने व वाहन की टक्कर से दो-दो बसें सड़कों पर स्वाहा हो गईं।परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने 29 दिसंबर को परिवहन निगम की समीक्षा की थी उसी में ये बातें सामने आईं। हालांकि मंत्री सिंह ने सात दिसंबर को ही निर्देश दिया था कि खस्ताहाल बसों को बेड़े से हटाएं। एमडी संजय कुमार पांच प्रतिशत बसों को हटाने का आदेश दे चुके हैं।