पीएफआई के चार एक्टिविस्ट पर एफआईआर दर्ज
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश के मथुरा में गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार सदस्यों के खिलाफ बुधवार को मांट थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि अतीक उर रहमान, आलम, सिद्दीक और मसूद के पास से गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप व ‘जस्टिस फॉर हाथरस विक्टिम’ नाम के पंपलेट पाए गए थे। यह लोग शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे। प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि दंगा करने व बचकर निकल भागने के टिप्स बताने वाली वेबसाइट से भी इन चारों का कनेक्शन है।
इस वेबसाइट को विदेशों से फंडिंग की गई। इसलिए अब ईडी की एंट्री भी इस प्रकरण में हो गई है। सूत्र बताते हैं कि हाथरस कांड के बहाने जातीय दंगा फैलाने के लिए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को 100 करोड़ रुपए अधिक की फंडिंग हुई है। इसमें मॉरिशस से 50 करोड़ आए थे।
पुलिस चारों आरोपियों को रिमांड पर लेकर करेगी पूछताछ
अब पुलिस चारों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। अब तक की जांच में सामने आया है कि कुछ लोग card.co नाम की वेबसाइट का संचालन कर रहे हैं। जिसके जरिए चंदा एकत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। विदेशों से प्राप्त चंदा से शांति व्यवस्था एवं सामाजिक समरसता को प्रभावित करते हुए दंगा भड़काने के कार्य में लिप्त हैं। चंदे की धनराशि जिस माध्यम से प्राप्त की जा रही है। उसकी कोई वैध प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है और यह धनराशि जब्त करने योग्य है।
वेबसाइट पर लगे ये आरोप
- इस वेबसाइट से जुड़े संगठनों एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा भीड़ एकत्र करने, अफवाह फैलाने, चंदा एकत्र करने का कार्य, न्याय दिलाने की आड़ में राष्ट्र विरोधी काम किया जा रहा है।
- इस वेबसाइट के माध्यम से कई प्रकार के राष्ट्र विरोधी दुष्प्रचार भारत में किए जा रहे हैं। जैसे मॉब लिंचिंग की घटना का दुष्प्रचार, हाल में मजदूरों का पलायन एवं कश्मीर में विघटनकारी तत्वों के समर्थन में व्यापक प्रचार इत्यादि प्रमुख हैं।
- इस वेबसाइट का मूल उद्देश्य जातिगत विद्वेष को बढ़ावा देना एवं समाज में अस्थिरता पैदा करना तथा बड़े पैमाने पर दंगे फैलाए जाना पाया गया है। इस वेबसाइट के माध्यम से दंगे के दौरान अपनी पहचान छुपाने के, शांति व्यवस्था भंग करने के उपायों की जानकारी दी जाती है।
- justice for hathras वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य सामाजिक विद्वेष, जातिगत हिंसा में बढ़ावा देने के लिए किए जाना पाया जा रहा है। यह कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा 153ए तथा 295ए की परिधि में आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।
- वेबसाइट को संचालित करने वाले लोगों का कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा 124 ए के अंतर्गत विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा पैदा करने वाला है। जो राजद्रोह की परिधि में आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।