निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान पर रोक जारी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में प्रस्तावित अन्तिम अधिसूचना जारी करने पर अब बुधवार तक रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार को भी आदेश दिया कि बुधवार तक बीते 5 दिसंबर को जारी अंतिम आरक्षण की अधिसूचना के तहत अन्तिम आदेश जारी न करे। कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग को उचित आरक्षण का लाभ दिए जाने व सीटों के रोटेशन के मुद्दों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
पहले कोर्ट ने राज्य सरकार से पूरी जानकारी भी मांगी थी। मंगलवार को सुनवाई के समय सरकार की तरफ से जवाब पेश करने को एक दिन का वक्त देने का आग्रह किया गया‚ जिसे कोर्ट ने प्रदान करते हुए पहले लगाई अंतरिम रोक को बुधवार तक बढ़ा दिया और अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को तय की है।
रायबरेली के सामाजिक कार्यकर्ता ने दाखिल की है याचिका
न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय की जनहित याचिका पर दिया। इसमें स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को उचित आरक्षण का लाभ दिए जाने व सीटों के रोटेशन के मुद्दे उठाए गए हैं।
याची का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत‚ जब तक राज्य सरकार तिहरे परीक्षण की औपचारिकता पूरी नहीं करती‚ तब तक ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं दिया जा सकता। राज्य सरकार ने ऐसा कोई परीक्षण नहीं किया‚ जो सुप्रीम कोर्ट की नजीर का पूरी तरह उल्लंघन है।
सरकार के वकील ने कहा आपत्तियां मांगी गई है
याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी कि यह औपचारिकता पूरी किए बगैर सरकार ने गत 5 दिसंबर को अंतिम आरक्षण की अधिसूचना के तहत ड्राफ्ट आदेश जारी कर दिया। इससे साफ है कि राज्य सरकार ओबीसी को आरक्षण देने जा रही है। साथ ही सीटों का रोटेशन भी नियमानुसार किए जाने की गूजारिश की गई है।
उधर सरकारी वकील ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया था कि 5 दिसंबर की सरकार की अधिसूचना महज एक ड्राफ्ट आदेश है। जिस पर सरकार ने आपत्तियाँ माँगी हैं। ऐसे में इससे व्यथित याची व अन्य लोग इस पर अपनी आपत्तियाँ दाखिल कर सकते हैं।