उत्तर प्रदेशलखनऊ
यूपी में खत्म होगा साहूकारी अधिनियम
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उप्र साहूकारी अधिनियम, 1976 को समाप्त किया जाएगा। अधिनियम निरस्त होने के बाद प्रदेश में न तो साहूकारी के नए लाइसेंस जारी किये जा सकेंगे और न ही पुराने लाइसेंस का नवीनीकरण होगा।
36 विधेयकों को समाप्त करने के लिए सरकार पेश करेगी उप्र निरसन विधेयक
- योगी सरकार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक, 2022 को पेश करेगी।
- इस विधेयक के माध्यम से अप्रचलित और अनुपयोगी हो चुके 36 अधिनियमों को खत्म किया जाएगा।
- इन 36 अधिनियमों में पांच मूल अधिनियम और 31 संशोधन अधिनियम हैं। उप्र साहूकारी अधिनियम भी इन विधेयकों में शामिल है।
- मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में बीती 24 जून को हुई उच्च स्तरीय बैठक में उप्र साहूकारी अधिनियम को खत्म करने के बारे में निर्णय हुआ था।
बैठक में सहमति बनी थी कि वित्तीय समावेशन के तहत गांव-गिरांव तक बैंकों की पहुंच और लोगों को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण की सुलभता के कारण अब यह अधिनियम अनुपयोगी और अप्रासंगिक हो गया है। वहीं साहूकार ऊंची ब्याज दर पर कर्ज देने के साथ उसकी वसूली के लिए लोगों का शोषण भी करते हैं। इसलिए साहूकारी अधिनियम को निरस्त करना उचित होगा। शासन स्तर पर हुए इस निर्णय के क्रम में राजस्व विभाग ने उप्र साहूकारी अधिनियम को निरसित करने का प्रस्ताव विधायी विभाग को भेजा था।