मां का दर्द और बेटे का संघर्ष
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी के शाहजहांपुर में गैंगरेप पीड़िता को 28 साल बाद आरोपी की गिरफ्तारी होने पर न्याय मिला है. जिस वक्त पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना हुई, उस वक्त उसकी उम्र महज 13 साल थी. खास बात यह भी है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाला महिला का बेटा है. जिसका जन्म गैंगरेप के बाद हुआ था. बेटे का डीएनए आरोपी से मैच हुआ था. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है. वहीं, दूसरे आरोपी की तलाश की जा रही है.
मामला 28 साल पहले यानी 1994 का है. थाना सदर बाजार के रहने वाले मोहम्मद राजी उर्फ गुड्डू और उसके भाई नकी हसन ने पड़ोस की रहने वाली 13 साल की लड़की से गैंगरेप किया था. जिसके बाद आरोपी गुड्डू लगातार बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देता रहा. दुष्कर्म के बाद 14 साल की उम्र में पीड़िता गर्भवती हो गई. पीड़िता अपने बहन और बहनोई के साथ रहती थी. जानकारी होने पर पीड़िता के परिजनों ने आरोपियों के घर पर शिकायत की. इस पर आरोपियों ने परिवार को जान से मारने की धमकी दी. इस पर पीड़िता के बहन और बहनोई ने जिला छोड़ दिया और कानपुर में रहने लगे.14
पीड़िता ने 14 साल की उम्र में एक बेटे को जन्म दिया था. परिजनों ने लोकलाज के डर से बच्चे को एक रिश्तेदार को दे दिया. इसके बाद पीड़िता की शादी एक युवक से करवा दी गई. लेकिन गैंगरेप की बात पता चलने पर पति ने भी उसे छोड़ दिया. वहीं, बेटा जब बड़ा हुआ तो उसने अपने माता-पिता के बारे में जानना चाहा. इस पर पालन पोषण करने वाले व्यक्ति ने उसे उसकी मां के बारे में बताया. जिसके बाद बेटे ने अपनी मां को खोजा और उससे मुलाकात की. जब उसे पता चला उसकी मां का गैंगरेप हुआ था और वह उस घटना के बाद ही पैदा हुआ. यह सुनकर उसने मां को न्याय दिलाने का फैसला किया. मां को इंसाफ दिलाने के लिए बेटे ने न्यायालय की शरण ली. जिसके बाद आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराया गया. टेस्ट में नकी हसन से बेटे का डीएनए मैच हो गया. इसके बाद पीड़िता की तहरीर पर रजी उर्फ गुड्डू और नकी हसन के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया. इसी क्रम में बुधवार को पुलिस ने आरोपी रजी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. 13 साल की उम्र में गैंगरेप की शिकार हुई पीड़िता को 28 साल के बाद न्याय मिला है.