अधिकारी ही शत्रु तो लोगों तक कैसे पहुंचें ‘सेवा मित्र’
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:आम लोगों को घर बैठे जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘सेवा मित्र’ सुविधा की प्रगति में सरकारी अधिकारी ही बाधक बने हुए हैं। इसकी सेवाएं लेने में जब सरकारी विभाग ही फिसड्डी साबित हुए हैं तो ये लोगों को इस सेवा के लिए प्रोत्साहित कैसे करेंगे।
शासन ने पिछले वर्ष दिसंबर में इस सेवा से ही सरकारी दफ्तरों में विभिन्न मरम्मत आदि के कार्य कराने के निर्देश दिए थे। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए इलेक्ट्रीशियन, एसी सर्विस मैकेनिक, कारपेंटर, प्लंबर, डायग्नोस्टिक सेवाओं या रंगाई पुताई से जुड़े काम, टैक्सी सर्विस जैसी सेवाएं ली जा सकती हैं। निर्देश के बावजूद किसी सरकारी विभाग ने संज्ञान नहीं लिया।
लापरवाही का आलम यह है कि आजमगढ़, चित्रकूट व बागपत में एक भी सेवा मित्र को सेवाएं नहीं दी गईं तो सर्वाधिक सेवाएं उपलब्ध कराने वाले लखनऊ जिले ने भी 3 दिसंबर 2021 से 6 जुलाई 2022 के बीच महज 26 सेवाएं ही दीं। टॉप टेन में दसवें नंबर पर रहे पीलीभीत जिले में मात्र दस सेवाएं दी गईं। यही नहीं, सात जिले तो ऐसे हैं जिनमें महज एक-एक सेवा दी गई।
कुशल कारीगर जोड़ने में भी स्थिति बेहद खराब
सेवा मित्रों व कुशल कामगारों को जोड़ने के मामले में भी अधिकांश जिलों की स्थिति बहुत खराब है। आजमगढ़, बागपत, महाराजगंज, कन्नौज, कौशांबी, चित्रकूट, फतेहपुर, मुजफ्फरनगर, व फर्रुखाबाद में 400 से 500 लक्ष्य के मुकाबले पांच से दस सेवा मित्र ही जोड़े गए। वहीं, कुशल कामगारों को जोड़ने में चित्रकूट, कौशाम्बी, बागपत, कन्नौज, औरैया, मुजफ्फरनगर, महराजगंज, फर्रुखाबाद, फतेहपुर व आजमगढ़ जैसे जिले सबसे पिछड़े हुए हैं।
सभी जिलाधिकारियों को फिर निर्देश जारी
सेवामित्र पोर्टल पर पंजीकृत सेवा प्रदाताओं से ही सरकारी कार्यालयों में मेंटेनेंस कार्य कराने के लिए अपर मुख्य सचिव सुरेश चंद्रा ने इधर फिर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के उपयोग से स्थानीय स्तर पर कुशल कामगारों को रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
घर बैठे मिलेगी सुविधा
सेवामित्र एप डाउनलोड कर जो सुविधा चाहते हैं, उस लिंक पर जाएं। निर्धारित दरों पर आपको घर बैठे उक्त सुविधाएं मिल जाएंगी। सेवा मित्र आपके घर आकर मेंटीनेंस का काम करेंगे।