चरण आगे बढ़ने के साथ कम हुआ वोटर्स का रुझान
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए केन्द्र तथा राज्य निर्वाचन आयोग के तमाम जतन के बाद भी अपेक्षित मतदान नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में सात चरणों में से छह चरण यानी 66 जिलों में मतदान हो गया है। अब सात मार्च को सातवें चरण के मतदान का इंतजार है।

छह में से चार चरण के मतदान वाले जिले तो प्रथम श्रेणी में पास हो गए यानी मतदान का प्रतिशत 60 के ऊपर रहा, लेकिन पांचवें तथा छठे चरण में मतदान का प्रतिशत गिर गया। पांचवेंं चरण में 12 तथा छठे चरण में दस जिलों में मतदान हुआ था। सात मार्च को नौ जिलों के 54 विधानसभा क्षेत्र में मतदान होना है।प्रदेश में पहले के विधानसभा चुनावों की अपेक्षा इस बार कम समय के अंतराल पर मतदान होने से नेताओं तथा राजनीतिक दलों को जोरदार मेहनत करनी पड़ी। इस बार तो पहले चरण का मतदान होने के समय तक राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते रहे।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सात चरण के मतदान के दौरान लगता है कि पहले चार चरण में तो वोटर काफी उत्साहित थे, लेकिन बाद के दो में वह सुस्त पडऩे लगे। पहले चरण में 11 जिलों, दूसरे में नौ, तीसरे में 16, चौथे में नौ, पांचवें में 12 तथा छठे में दस जिलों में मतदान के दौरान सुबह के सत्र में वोटर भले ही सुस्त थे, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही उनमें भी उत्साह दिखा।