उत्तर प्रदेशराज्य

पड़ोसी के नाम पर 36 साल से कर रहा सरकारी नौकरी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर में 36 साल से फर्जी नाम से नौकरी करने के आरोपित रवि प्रकाश चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया। वे जिला समाज कल्याण अधिकारी गोरखपुर में प्रधान सहायक के पद पर तैनात थे। गोरखपुर के जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर समाज कल्याण निदेशक राकेश कुमार ने सोमवार को निलंबन के आदेश जारी कर दिए। रवि प्रकाश चतुर्वेदी को 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होना है।गोरखपुर समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में तैनात प्रधान सहायक रवि प्रकाश चतुर्वेदी पर आरोप है कि वे अपने गांव के ही पड़ोसी रवि प्रकाश मिश्रा के नाम पर नौकरी कर रहे हैं। खुद रवि प्रकाश मिश्रा ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की है। जिलाधिकारी ने तत्काल दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर जांच कराई।

जांच के बाद किया गया निलंबित

जांच में पाया गया कि चार फरवरी 1985 को रवि प्रकाश मिश्रा के नाम से नियुक्ति पत्र जारी हुआ था, तभी से रवि प्रकाश मिश्रा के नाम पर रवि प्रकाश चतुर्वेदी नौकरी कर रहे हैं। जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर समाज कल्याण निदेशक राकेश कुमार ने रवि प्रकाश चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया।

आरोपित रवि प्रकाश चतुर्वेदी ने दावा कि था उन्हें दोषी नहीं बताया गया है बल्कि नियुक्ति पर संदेह जताया गया है। रवि प्रकाश चतुर्वेदी का कहना है कि फरवरी 1985 में उनकी नियुक्ति कनिष्ठ लिपिक के पद पर जिगना में हुई थी। चित्तौरा बहराइच में उनकी नियुक्ति नहीं की गई थी। उनकी सेवा पुस्तिका में भी तैनाती दर्ज है। उनका दावा था कि वह रवि प्रकाश चतुर्वेदी हैं लेकिन गलती से नाम रवि प्रकाश मिश्रा दर्ज हुआ था। उनका कहना है कि उनकी नियुक्ति पूरी तरह सही है। यदि कोई अनियमितता होती तो विभाग में 36 वर्ष नौकरी नहीं कर पाते।

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