108 और 102 एंबुलेंस सेवा ठप
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मियों ने रविवार रात 12 बजे से सेवा ठप कर दी। इससे प्रदेश में भर में करीब साढ़े चार हजार एंबुलेंस खड़ी हो गई हैं। दरअसल, एंबुलेंस की एडवांस लाइफ सपोर्ट सेवा नई कंपनी जिगित्सा को सौंपी गई है। कंपनी बदलने पर पुराने कर्मियों को हटाया जा रहा है। नई कंपनी नए सिरे से भर्ती कर रही है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है। एंबुलेंस सेवा ठप होने का सीधा असर प्रसूताओं और दुघर्टना के पीड़ितों पर पड़ता दिख रहा है। प्रसव के लिए उनको अस्पताल ले जाने में परिजनों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
लखनऊ में 6 हजार कर्मचारी हड़ताल पर
108, 102 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हनुमान पांडेय ने बताया कि देर रात तक शासन के अधिकारियों से बातचीत का रास्ता तलाशा गया। लेकिन कोई हल न निकलने के कारण कर्मचारी प्रदर्शन को मजबूर हुए। रात 12 बजे से ही चक्का जाम है। करीब 6 हजार कर्मचारी लखनऊ में इको गार्डन पर जमा हैं और प्रदेश भर की 4500 एम्बुलेंस थमी हैं।
एंबुलेंस कर्मियों की यह हैं मांगे
- ठेका प्रथा बंद की जाए। एंबुलेंस कर्मियों की नौकरी सुरक्षित की जाए।
- 102 और 108 के कर्मचारियों को एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) में शामिल किया जाए।
- समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए।
- कोरोनामें जान गंवाने वाले एंबुलेंस कर्मियों के परिजनों को 50 लाख की बीमा राशि और सहायता राशि तुरंत दी जाए।
- बार-बार कंपनी बदल कर नए सिरे से भर्ती न की जाए।