आतंकियों की नजर अब राम नगरी पर
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:रामनगरी पर आतंकी खतरा एक फिर मंडराता नजर आ रहा है। लखनऊ में आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद मिली जानकारियां ऐसा संकेत देती हैं। राम मंदिर निर्माण की चल रही प्रक्रिया के बीच प्रकाश में आई इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं। आतंकियों की हिट लिस्ट में शामिल चुनिंदा शहरों में फिर अयोध्या का नाम शामिल होना रामनगरी पर आतंकी खतरे की आशंका को नए सिरे से जिंदा करने वाला है। कुछ आतंकियों के बच निकलने की सूचना पर रामनगरी में हाई अलर्ट है। पुलिस के साथ खुफियातंत्र व एटीएस की स्थानीय यूनिट लगातार इसकी निगरानी भी कर रही है। रामनगरी आतंकी खतरे की दृष्टि से लंबे समय से संवेदनशील है।
अयोध्या को लेकर पहले भी आतंकी साजिशें प्रकाश में आती रही हैं। रामजन्मभूमि परिसर पर आतंकी हमला और उसके बाद कचहरी ब्लास्ट कर आतंकी रामनगरी की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दे चुके हैं। चार वर्ष पहले शहर के ख्वासपुरा मुहल्ले से आइएसआइ एजेंट आफताब की गिरफ्तारी ने आतंकी साजिश को बेनकाब किया। आफताब की निशानदेही पर देश के भिन्न शहरों से कई आइएसआइ एजेंटों की गिरफ्तारी की गई, लेकिन अयोध्या में छिपे उसके मददगार अभी तक पहेली बने हुए हैं। उसकी कॉल डिटेल व अन्य स्त्रोतों से जुटाई गई जानकारी के बाद ये आशंका जाहिर की गई थी कि कुछ स्थानीय लोग भी आफताब के मददगार की भूमिका में हैं।
पिछले वर्ष बनारस में पकड़े गए आइएसआइ एजेंट राशिद के पास से भी अयोध्या के यलोजोन व सैन्य इलाके के नक्शे बरामद हुए थे। एक बार फिर नए सिरे से खतरा सामने है। ऐसे में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ आतंकी गतिविधियों पर बराबर नजर रखे जाने की जरूरत है। क्षेत्राधिकारी अयोध्या आरके राय का कहना है कि रामनगरी की सुरक्षा व निगरानी पहले से ही पुख्ता है। लखनऊ में आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद से रामनगरी में सुरक्षा और निगरानी के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं।