आदेश के बाद भी ये हाल
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :कोरोना संक्रमण से गंभीर मरीजों की जान जा रही है। एक-एक पल उनके लिए जिंदगी और मौत का फैसला कर रहा है। मगर सरकारी सिस्टम हाथी की मदमस्त चाल से ही चल रहा है। कोरोना मरीज अभी भी भर्ती नहीं पाने से दम तोड़ रहे हैं। उधर सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बावजूद केजीएमयू व बलरामपुर में बेड बढ़ाने की कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित है। अभी तक एक तरफ जहां केजीेएमयू में सिर्फ कुछ वार्ड को खाली कराने की कार्रवाई हुई है। वहीं बलरामपुर अस्पताल ने आक्सीजन सिलिंडर नहीं होने से बेड बढ़ाने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
केजीएमयू के प्रवक्ता सुधीर सिंह ने बताया कि ट्रामा सेंटर के भूतल, प्रथम तल, द्वितीय तल व न्यूरो मेडिसिन वार्ड, प्राइवेट वार्ड, इंफेक्शियस डिजीज, जनरल सर्जरी वार्ड समेत कई अन्य को कोविड मरीजों के लिए खाली कराया गया है। उन्होंने बताया कि यहां भर्ती होने वाले मरीजों को आक्सीजन व वेंटीलेटर सपोर्ट मिलेगा। सरकार से अतिरिक्त वेंटिलेटर मांगे गए हैं। हालांकि इसमें कितने बेड बढ़े हैं यह जानकारी देने में उन्होंने असर्मथता जताई। मरीजों की भर्ती होने के सवाल पर कहा कि वह भर्ती होने लगे हैं। सोमवार को भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या पूछने पर उन्होंने इसकी जानकारी होने से इंकार कर दिया। इससे समझा जा सकता है कि सिस्टम सुस्त चाल से ही चल रहा है। इधर अभी भी भर्ती व बेड के लिए मरीज परेशान हो रहे हैं। वहीं बलरामपुर अस्पताल के प्रभारी डा. जीपी गुप्ता ने कई बार फोन करने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया। बेड के इंतजार में मरीज की मौत: लखनऊ निवासी राधा राठौर की हालत कोविड पॉजिटिव होने के बाद बेहद गंभीर हो गई थी। परिवार के लोग कई दिनोें से भर्ती के लिए गुहार लगा रहे थे।
जानकीपुरम स्थित एक निजी अस्पताल ने उन्हें तत्काल केजीएमयू या एसजीपीजीआइ ले जाने की सलाह दी थी। मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। तीन दिन पहले कहा गया कि आपको पीजीआइ भेजा जा रहा है। मगर उसके 48 घंटे बाद भी न तो एंबुलेंस आई और न ही भर्ती संबंधी कोई कागज। लिहाजा मरीज ने दम तोड़ दिया। सीएमओ डा. संजय भटनागर को फोन करने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।