भू माफिया की बिल्डिंग तोड़ने वालों का लाखों का भुगतान
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में पूर्व सांसद दाउद अहमद, विधायक मुख्तार अंसारी का गुर्गा शाहीद का हजरतगंज स्थित रानी सल्तनत प्लाजा जैसे इमारतें तोडऩे वाले मजदूरों का भुगतान फंसा हुआ है। 12 वर्षों से लविप्रा में निर्माण तोडऩे का काम कर रहे आंनद कुश्वाहा के पास छतों में ड्रिल करने वाली टीम है। हथौड़े से लेकर गैस कटर, जनरेटर सहित सारी व्यवस्था के साथ तीन दर्जन मजदूरों की टीम प्राधिकरण के आदेश पर तैयार रहती है। इसके बाद भी कठौता झील स्थित 15 हजार वर्ग फीट का अवैध निर्माण तोडऩे पर खर्च हुए 6.88 लाख का भुगतान प्राधिकरण नहीं कर पाया है।
अवैध निर्माण गिराने के लिए कभी प्राधिकरण तो कभी अभियंता चंदा लगाकर मजदूरों को रुपये देते हैं। डालीबाग स्थित विधायक मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक रामपाल यादव, बिल्डर व अन्य व्यापारियों की अवैध इमारत गिराने का काम आनंद की टीम करती है। उनके मुताबिक मोती झील स्थित स्कूल की अवैध इमारत को तोडऩे में 48 हजार खर्च हुए, जो नहीं मिले। रानी सल्तनत प्लाजा को तोडऩे में जो खर्च हुआ उसका आधा मिला। लोहिया चौराहा स्थित गोमती नगर में अवैध निर्माण तोडऩे में 31 हजार खर्च आया, भुगतान नहीं हुआ। नबीउल्लाह रोड स्थित पूर्व सांसद दाउद अहमद की बिल्डिंग तोडऩे में 16 हजार खर्च हुए, उसका पैसा भी फंसा हुआ है।
लविप्रा के पास अपनी टीम नहीं
लविप्रा के पास अवैध निर्माण तोडऩे के लिए अपनी कोई टीम नहीं है। अगर शहर में तीन से चार जगह अवैध निर्माण तोडऩे हो तो प्राधिकरण स्वयं को असहाय महसूस करेगा। प्राधिकरण का पूरा प्रवर्तन आनंद कुश्वाहा पर निर्भर है।