कोरोना के इलाज के नाम पर लखनऊ के निजी अस्पताल में लूट
कोरोना के इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में मरीजों से लूट की जा रही है। गोमती नगर स्थित एक निजी अस्पताल पर मरीज ने आरोप लगया कि उसे भर्ती करने के बाद दोयम दर्जे का खाना दिया जाता था। आपत्ति करने पर अस्पताल ने कहा कि अपने घर से खाना मंगाओ। बिल भी अनाप-शनाप लगाया। एक दस्ताने की की त 1050 रुपये वसूली।
ऐशबाग के तिलक नगर निवासी मरीज विजय जैन ने बताया कि उन्हें सीएमओ की ओर से मेयो अस्पताल भेजा गया। अस्पताल ने कहा कि पहले 40 हजार रुपये दो तब इलाज शुरू होगा। परिवारजन ने किसी तरह इंतजाम कर रुपये जमा किए। उनका आरोप है कि भोजन की थाली इतनी घटिया थी कि उसे खाना तो दूर देखने का मन भी नहीं करे। शिकायत की तो भी कुछ नहीं हुआ। यह हाल तब है जब आहार विशेषज्ञ से परामर्श के नाम पर भी एक हजार रुपये उनसे वसूले जा रहे थे। मरीज के अनुसार दवाइयों और डॉक्टर की फीस के अतिरिक्त दस्ताने के नाम पर प्रति फीस 1050 रुपये की वसूली की गई। इसके अलावा अस्पताल से कंबल मांगा तो वह भी नहीं दिया गया।
आठ दिन में वसूले 1.20 लाख
मरीज का आरोप है कि रुपये जमा कराने के बाद भी उन्हें अस्पताल के बाहर इदो घंटे तक इंतजार करवाया गया। आठ दिन में एक लाख 20 हजार रुपये लिए।
क्या कहते हैं कार्यवाहक सीएमओ?
कार्यवाहक सीएमओ डॉ एमके सिंह के मुताबिक, कोई भी निजी अस्पताल इस तरह मनमानी करता है तो निहायत गलत है। मामले में शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।