भाजपा प्रत्याशी जफर इस्लाम व गोविंद नारायण शुक्ल का नामांकन पत्र जांच में सही
समाजवादी पार्टी (एसपी) के राज्यसभा सदस्य अमर सिंंह के निधन से रिक्त हुई सीट पर उत्तर प्रदेश में हो रहे राज्यसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दोनों प्रत्याशी जफर इस्लाम और गोविंद नारायण शुक्ल का नामांकन पत्र जांच में सही मिले हैं। निर्वाचन अधिकारी व विशेष सचिव ब्रजभूषण दुबे ने बताया कि निर्दल प्रत्याशी महेश कुमार के प्रस्तावक व अन्य औपचारिकताएं पूरी नहीं होने के कारण नामांकन निरस्त कर दिया गया है। नाम वापसी चार सितंबर को होगी। मतदान की स्थिति आने पर 11 सितंबर को वोट डाले जाएंगे।
बता दें कि राज्यसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा दूसरा नामांकन करा देने से पेंच उलझता दिख रहा है। मंगलवार को नामांकन कराने के अंतिम दिन भाजपा की ओर से प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला का पर्चा जमा कराया गया था। मंगलवार को भाजपा के दूसरे प्रत्याशी गोविंद नारायण शुक्ला ने नामांकनपत्र के दो सेट जमा कराए। इस मौके पर जेपीएस राठौर समेत भाजपा के कई नेता उपस्थित थे। इससे पूर्व भाजपा प्रत्याशी सैयद जफर इस्लाम को नामांकन प्रदेश अध्यक्ष स्वतंंत्र देव सिंह की मौजूदगी में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना द्वारा जमा कराया जा चुका है। जफर इस्लाम कोरोना पॉजिटिव होने के कारण अपना नामांकन कराने के लिए उपस्थित नहीं हो सके थे।
बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच में भारतीय जनता पार्टी के दोनों प्रत्याशियों जफर इस्लाम और गोविंद नारायण शुक्ल के नामांकन पत्र सही मिले हैं, जबकि निर्दल प्रत्याशी महेश कुमार के प्रस्तावक व अन्य औपचारिकताएं पूरी नहीं होने के कारण नामांकन निरस्त कर दिया गया है। अब नाम वापसी चार सितंबर को अपराह्न तीन बजे तक हो सकेगी। मतदान की स्थिति आने पर 11 सितंबर को वोट डाले जाएंगे।
राजनीतिक गलियारों में भाजपा द्वारा गोविंद नारायण शुक्ल का नामांकन कराने को लेकर तमाम चर्चाएं जोरों पर है। उम्मीदवार बदलने के कयास पर विराम लगाते हुए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कहना है कि दूसरा नामांकन केवल औपचारिकता के लिए कराया गया है। उधर, सूत्रों का कहना है कि जफर इस्लाम के स्वास्थ्य को देखते हुए एक नामांकन और करा दिया गया, जबकि चर्चा यह भी है कि पार्टी में ब्राह्मण लॉबी के दबाव के चलते यह फैसला लिया गया है। बहरहाल चार सितंबर को नाम वापसी के समय तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। यह तय है कि अब दोनों उम्मीदवारों में से किसी एक का आवेदन वापस कराया जाएगा।