सपा के प्रदर्शन पर प्रशासन की पैनी नजर
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :किसान बिल के विरोध में सोमवार को आयोजित समाजवादी पार्टी के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यालय परिसर सहित शास्त्री घाट पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। सुबह से ही पुलिस बलों की तैनाती के साथ ही जिले के दर्जन भर से अधिक सपा नेताओं और संगठन पदाधिकारियों पर पुलिस ने सख्ती करने हुए उनको घर में नजरबंद कर दिया। अब देशव्यापी होते जा रहे किसान आंदोलन को विपक्षी दलों द्वारा सक्रियता से कानून व्यवस्था में भी समस्या आने लगी है।

सोमवार को सपा के प्रदेशव्यापी जिला मुख्यालय धरना प्रदर्शन को देखते हुए सोमवार की सुबह से ही वाराणसी जिला मुख्यालय पर सुरक्षा की दृष्टि से भारी फोर्स के साथ खुद एसएसपी अमित पाठक भी मौके पर मौजूद रहे।केन्द्र सरकार के ओर से लाये गए दो कृषि कानूनों और एक संशोधन के खिलाफ किसान सोमवार को 18वें दिन भी देश की राजधानी के सीमा पर कानून वापस लेने की मांग को लेकर अड़े हैंं। सपा के किसानों के समर्थन में प्रदेशव्यापी धरना -प्रदर्शन को देखते हुए डीजीपी की ओर से सतर्कता बरतते का निर्देश दिया गया था। जिसका असर वाराणसी में भी देखने को मिला। शहर के अलग – अलग हिस्सों में पुलिस बल के अलावा पीएसी की भी टीमें एहतियात के तौर ओर लगाई गई है।
सोमवार को प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन नेताओं को नजरबंद करने मेंं जुटी रही। किसान आंदोलन में पूर्वांचल के नेताओं की सक्रियता को देखते हुए पुलिस आंदोलन के लिए सक्रिय लोगों पर सख्ती भी कर रही है। सोमवार को मिर्जामुराद में मेंहदीगंज गांव निवासी किसान आंदोलन के समर्थक एनएपीएम के राज्य संयोजक और मनरेगा मजदूर यूनियन के नेता सुरेश राठौर को पुलिस द्वारा घर पर ही नजर बंद कर दिया गया। बीरभानपुर में पूर्व राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल तथा पूर्व विधायक महेंद्र सिंह पटेल को पुलिस ने उनके आवास पर नजरबंद किया गया है