उत्तर प्रदेशलखनऊ

हादसों में 80 फीसद लोगों की हेड इंजरी से होती है मौत

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :सड़क पर निकलते ही जिंदगी दांव पर लग जाती है। इसके बाद भी वाहन चालक अपनी गलतियों में सुधार नहीं करते हैं। वह तेज रफ्तार बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के फर्राटा भरते नजर आते हैं। अंततः जरा सी चूक से वह सड़क हादसे का शिकार होते हैं। हाल ही में आए आंंकड़ों के मुताबित 80 फीसद वाहन चालकों की मौत हेड इंजरी से होती है। हेड इंजरी से मरने इन लोगों में 85 फीसद दोपहिया वाहन चालक ऐसे हैं जो हेलमेट का बक्कल (स्ट्रिप) नहीं लगाते हैं। जिसके कारण सड़क के एक छोटे से गड्ढे में बाइक का पहिया जाने से वह अनियंत्रित हो जाते हैं और हादसे का शिकार होते हैं।

हाल ही में आए आंंकड़ों के मुताबित 80 फीसद वाहन चालकों की मौत हेड इंजरी से होती है। हेड इंजरी से मरने इन लोगों में 85 फीसद दोपहिया वाहन चालक ऐसे हैं जो हेलमेट का बक्कल (स्ट्रिप) नहीं लगाते हैं।

कैसा हो आपका हेलमेट और कैसे पहने

बहुत से लोग काम चलाऊ घटिया क्वालिटी का हेलमेट खरीद कर पुलिस से बचने के लिए लगा लेते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे में भी लोग हैं जो हेलमेट अच्छी क्वालिटी का खरीदते हैं पर वह लगाना नहीं जानते हैं। रोड सेफ्टी एक्सपर्ट सुमित मिश्रा बताते हैं आपका हेलमेट कैसा हो और किस तरह से उसे पहनें।

  • हेलमेट 4151 आइएसआइ मार्का होना चाहिए। यह रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के मानकों के अनुरूप और पूरी तरह से सुरक्षित है।
  • हेलमेट का बक्कल बांधने के समय एक बात का विशेष ध्यान रखें कि आपकी ठुड्डी से उसका गैप एक इंच अवश्य होना चाहिए।
  • हेलमेट के अंदर कुसन और थर्माकोल उच्च क्वालिटी का होना चाहिए। ताकि सिर पर उसकी ग्रिप अच्छी बने।
  • बिना बक्कल बांधे दोपहिया वाहन कतई न चलाएं नहीं तो जरा सा झटका लगने पर आप सड़क पर और हेलमेट दूर गिरेगा।
  •  हेलमेट फुल फेस कवर करने वाला हो औैर उसका शीशा पारदर्शी होना चाहिए। हाफ हेलमेट सुरक्षित नहीं है।
  • आंकड़ों के मुताबिक 85 फीसद दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाने के दौरान बक्कल नहीं बांधते हैं। जिसके कारण हादसे के दौरान वह हेडइंजरी के शिकार होते हैं। सड़क हादसों जान गवाने वाले वाहन चालको में 80 फीसद ऐसे होते हैं जिनकी हेड इंजरी से मौत होती है। इस तरह के हादसों को कम करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

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