उत्तर प्रदेशराज्य

बॉर्डर पर 170 से ज्यादा किसानों को बुखार

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों की शनिवार को सरकार से फिर वार्ता होगी। इसी बीच किसानों ने आंदोलन और तेज करने का ऐलान किया है। शनिवार को विज्ञान भवन में सरकार से वार्ता के साथ-साथ देशभर में सरकार के पुतले फूंके जाएंगे। 7 दिसंबर को अवॉर्ड वापसी तो 8 को भारत बंद का आह्वान किया है। इसके बाद एक दिन देश भर के टोल प्लाजा को खुलवाने की योजना है।

चेतावनी- तीनों कानून रद्द हों और एमएसपी की गारंटी मिले, नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा

इसी बीच चिंता यह है कि टिकरी व कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे 170 से अधिक किसान बुखार और खांसी से पीड़ित हाे गए हैं। यहां लगे कैंपों में हजारों किसान दवा ले रहेे हैं। बार-बार अपील के बावजूद किसान कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहे हैं। जबकि अब तक टिकरी बॉर्डर पर बीमारी से तीन किसानों की मौत हो चुकी है। अब तक पोस्टमार्टम न होने से कारणों का पता नहीं चला है।

यहीं पर समर्थन देने पहुंचे महम विधायक बलराज कुंडू कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। हरियाणा भाकियू के प्रवक्ता राकेश बैंस ने बताया कि किसानों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। किसानों से लगातार अपील कर रहे हैं कि तबीयत खराब होते ही चेकअप करवा कर दवाई लें। जिन्हें बुखार है, वे कोरोना टेस्ट भी कराएं।

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टिकरी बॉर्डर: सेक्टर 9 मेडिकल कैंप के डॉक्टर बुखार-खांसी से पीड़ित 100 से ज्यादा किसानों को कोरोना जांच की सलाह दे चुके हैं। शुक्रवार को भी सीने में दर्द पर दो किसानों को पीजीआई रेफर किया गया। रेडक्रॉस, स्वास्थ्य विभाग व निजी संस्थाओं की ओर से यहां पर 20 शिविर लगाए गए हैं। 4 दिनों में 60 प्रतिशत से ज्यादा मरीज बदहजमी व गैस की समस्या के आए हैं।

कुंडली बॉर्डर : कुंडली बॉर्डर पर 947 किसानों की स्क्रीनिंग की गई है। 70 बुखार से पीड़ित मिले हैं। पैरासीटामॉल की 707, बी-कॉम्पलैक्स की 679, विटामिन-सी की 812, एम्लोडिपिन की 43, सिट्राजिन की 107, ओआरएस 21 व मेट्रोजिल की 72 टेबलेट दी गई हैं। वहीं 7 चोटिल किसानों की ड्रेसिंग भी की गई है।

किसान बोले- अब सरकार को झुकना ही पड़ेगा

  • शनिवार को प्रस्तावित वार्ता के लिए शुक्रवार को किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर तीन घंटे बैठक की। इसमें आगे की रणनीति बनाई गई।
  • किसान नेताओं ने मुद्दा उठाया कि सरकार की नीयत कानून वापस लेने की नहीं है। सिर्फ संशोधन पर बातचीत कर रही है। हमें संशोधन नहीं तीनों कृषि कानून वापस कराने हैं। तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
  • पंजाब के किसान नेता हरजिंदर सिंह टांडा ने कहा कि आंदोलन से सरकार पर दबाव बन रहा है। इसलिए इसे और तेज किया जाना है। सरकार पहले बात को तैयार नहीं थी, लेकिन आज हमारे सामने सरकार को झुकना पड़ेगा।

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