उत्तर प्रदेशराज्य

नहीं बची मासूम की जान – महोबा

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:उत्‍तर प्रदेश के महोबा जनपद में एक किसान का खेत में खुले बोरवेल को बंद न कराने की भूल ने आखिर उसके बेटे की जान ले ली। बुधवार को खेत में खेलते समय 60 फीट गहरे बोरवेल में गिरे किसान के छह वर्षीय बेटे को बीस घंटे बाद एसडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। रात बारह बजे लखनऊ से आई एसडीएआरएफ की टीम ने रेसक्यू ऑपरेशन शुरू किया था। इससे पहले दोपहर तीन बजे से प्रशासनिक, पुलिस और दमकल की टीम बोरवेल से बच्चे को निकालने के प्रयास में जुटी रही थी। गुरवार की सुबह करीब पौने नौ बजे एसडीआरएफ की टीम ने मासूम को बाहर निकाला। इसके बाद एंबुलेंस से उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बीती शाम से बोरवेल से बच्चे की आवाज आनी बंद हो गई थी।

महोबा के विकास खंड जैतपुर के बुधौरा गांव का मामला। लखनऊ से एसडीआरएफ टीम पहुंची ऑक्सीजन के किए गए इंतजाम खाने को दिया गया दूध-बिस्किट।

बुधवार की दोपहर एक बजे बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना के बाद पुलिस पहुंच गई थी। दोपहर करीब तीन बजे से जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अगुवाई में बच्चे को सकुशल बाहर निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन और दमकल की टीम बचाव कार्य में जुट गई थी। यहां 6 जेसीबी मशीनें, एक एलएनटी मशीन, पांच एंबुलेंस, अग्निशमन दस्ता जुटा था। रात करीब 12 से लखनऊ एसडीआरएफ के कमांडेंट डा. सतीश कुमार और निरीक्षक वीरेन्द्र दुबे की नेतृत्व में  टीम आई थी और बचाव अभियान शुरू किया था, जो पूरी रात और सुबह तक चला।

शाम से आवाज आनी बंद

बुधवार की दोपहर तक बोरवेल से घनेन्द्र की आवाज आ रही थी लेकिन शाम तक आवाज आनी बंद हो गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम बोरवेल में नली डालकर ऑक्सीजन की आपूर्ति करता रहा ताकि बच्चे को ऑक्सीजन की कमी न हो। बोरवेल में बच्चे की आवाज आने तक बिस्किट व पानी अंदर डाला गया लेकिन शाम को जब आवाज आनी बंद हो गई तो खाने के लिए दूध, पानी कुछ नहीं डाला गया। प्रशासन को डर था कि कुछ भी डालते समय मिट्टी के धसकने से खतरा हो सकता है, वहीं बच्चे के बेहोश होने की भी संभावना जताई जाने लगी थी। बच्चे को बाहर निकाले जाने तक ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पूरी रात मौजूद रही और सकुशल बाहर आने की प्रार्थना करती रही।

ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई

करीब 60 फीट गहरे बोरवेल में मासूम को आक्सीजन की कमी न हो इसके चलते सीएमओ डॉ मनोज कांत के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। आनन-फानन में सिलेंडर और नली आदि के माध्यम से गड्डे में ऑक्सीजन पहुंचाई गई।

रात आठ बजे खोदाई रोकी 

डीएम सत्येंद्र कुमार ने बताया कि बोरवेल में फंसे मासूम को निकालने की कवायद चल रही है। मजदूर लगाकर सफाई कराई जा रही है। जल्द ही बच्चे को सकुशल निकाल लिया जाएगा।

प्रार्थना को जुड़े हाथ

बोरवेल में गिरे मासूम के सकुशल बाहर निकल आने को लेकर घटनास्थल समेत आसपास गांवों के लोगों के हाथ प्रार्थना के लिए जुड़ गए। मां क्रांति देवी, दोनों बहनें और पिता की आंखों में आंसू नहीं थम रहे।

 

 

 

 

 

 

 

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