दूसरे विमानों में रिशेड्यूल्ड हो रहे यात्री
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :चिनहट कमता निवासी एडवोकेट प्रदीप तिवारी को इंडिगो एयरलाइन के कनेक्टिंग विमान से 24 नवंबर शाम चार बजे नागपुर से आना था। विमान के लखनऊ पहुंचने का समय दिल्ली होकर रात 8:20 था। यात्रा की सुबह अचानक उनके मोबाइल पर मैसेज आया। इंडिगो ने लिखा कि उनकी फ्लाइट निरस्त हो गई है। अब उनको दोपहर 12:30 बजे मुंबई होकर लखनऊ आने वाले विमान में रिशेड्यूल्ड किया गया था। किसी तरह अपना आधा अधूरा काम निपटाकर वह मुुंबई रवाना हो गए। वहां पांच घंटे एयरपोर्ट पर इंतजार के बाद दूसरी कनेक्टिंग उड़ान से रात 10 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। उनकी 4:20 घंटे की प्रस्तावित यात्रा 9:30 घंटे में पूरी हो सकी।
यह उदाहरण तो सिर्फ बानगी भर है। कोरोना काल में इंडिगो और गो एयरलाइन जैसी लो फेयर वाली कंपनियां प्रस्तावित उड़ान के टिकट को बुक कर रही हैं। लेकिन अंतिम समय में यात्रियों की संख्या कम होने पर उनकी फ्लाइट निरस्त हो रही हैं। यात्रियों को अचानक ही चार घंटे पहले के विमान से रूट बदलकर भेजा जा रहा है।
गुवाहाटी की एक इंफेंट्री यूनिट में तैनात जवान धु्रवराज ने बुधवार सुबह 6:40 बजे गो एयर के विमान से लखनऊ से दिल्ली होकर गुवाहाटी का टिकट 4700 रुपये में बुक कराया था। उनको एयरलाइन ने अचानक मैसेज भेज दिया कि लखनऊ से दिल्ली की विमान निरस्त हो गई है। उनका रिफंड नहीं होगा। इसकी जगह पीएनआर का एक साल तक इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि किराया बढ़ा रहा तो उनको इसका अंतराल भी देना होगा। गो एयरलाइन ने कस्टमर केयर का जो टोलफ्री नंबर दिया। उसपर कई बार संपर्क किया गया लेकिन हर बार वह आठ से 10 मिनट तक होल्ड कराया गया। आखिर धु्रवराज को इंडिगो एयरलाइन से 7600 रुपये का टिकट लेकर जाना पड़ा