उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर लगाया दांव कांग्रेस की मंशा पर उठाता है सवाल
स्वतंत्रदेश,लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का चुनावी अभियान एक वादे और एक पोस्टर के आधार पर खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा देते हुए पोस्टर जारी कर दिया। साथ ही यह एलान भी कर दिया कि 40 प्रतिशत विधानसभा टिकट महिलाओं को ही दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को संजीवनी मिलने से देश में कांग्रेस पार्टी की स्थिति बेहतर होगी, ऐसा मानने वाले राजनीतिक विश्लेषकों ने प्रियंका वाड्रा के इस एलान भर से यह कहना शुरू कर दिया कि कांग्रेस ने बहुत बड़ा दांव खेल दिया है।
प्रियंका वाड्रा महिलाओं को लड़की हूं, लड़ सकती हूं बताकर परिवार में लड़कियों को लड़कों के खिलाफ खड़ा करके जिस तरह से मत लेना चाहती हैं, यह कितना आधारहीन है, इसका एक बड़ा प्रमाण 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला था, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को लगा था कि तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाएं अपने परिवार के विरोध में जाकर उन्हें मत दे देंगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हां, यह अवश्य है कि उज्जवला जैसी महिला केंद्रित योजनाओं की वजह से महिलाओं ने नरेन्द्र मोदी के पक्ष में अपने परिवार की ही बात को और मजबूत करने में मदद की। आंकड़े स्थापित करते हैं कि आज भी भारतीय मतदाता परिवार में ही मतदान करता है। यही वजह रही कि कमजोर आय वर्ग के परिवारों में महिलाओं ने पुरुषों को भी नरेन्द्र मोदी के पक्ष में मतदान करने के लिए तैयार किया। ऐसा बहुत कम होता है कि परिवार में हर कोई अलग-अलग मतदान करता हो।
दरअसल प्रियंका वाड्रा जिस भाजपा के सामने महिलाओं को ताकत देने की बात कर रही हैं, उसकी पूर्ण बहुमत की केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में सर्वाधिक 11 महिलाओं को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है। देश की पहली लोकसभा में पांच प्रतिशत महिला सांसद से 2019 में मोदी सरकार के समय महिला सांसदों की संख्या 14 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और स्मृति ईरानी के साथ ही मीनाक्षी लेखी, अनुप्रिया पटेल, रेणुका सिंह, दर्शना जरदोश, भारती पवार, शोभा करंदलाजे, साध्वी निरंजन ज्योति, प्रतिमा भौमिक और अन्नपूर्णा देवी आज नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में हैं और पुरुष साथियों जैसे ही शक्तिशाली हैं। इतना ही नहीं, नरेन्द्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने छह महिलाओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया था।