युवाओं का भविष्य ‘लॉक न परीक्षा न नौकरी
कोरोना वायरस संक्रमण के संकट ने कुछ जख्म ऐसे दिए हैं, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में मुश्किल है। यह ऐसा वक्त है जिसमें न परीक्षा और न नौकरी का ठिकाना है। बात उत्तर प्रदेश की करें तो यहां अनलॉक घोषित हुए लगभग दो महीने हो रहे हैं। बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। दफ्तरों का काम में धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ाने का प्रयास चल रहा है। इसके बीच युवा खुद के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वास्तविकता यह है कि अभी उनका भविष्य अनलॉक नहीं हुआ। नई भर्तियां निकालने का काम सुस्त है। परीक्षाएं लगातार टल रही हैं। वहीं, अलग-अलग परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए अधिकारियों का चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी उन्हें आश्वासन की घुट्टी पिलाकर लौटा रहे हैं। इसके चलते उनका भविष्य अधर में फंसता जा रहा है।
कोरोना संक्रमण काल में उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में भर्ती की सबसे बड़ी संस्था लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) तीन बार अपने परीक्षा कैलेंडर बदल चुका है। जुलाई 2019 से फरवरी 2020 तक सारा काम परीक्षा कैलेंडर के अनुरूप हुआ। तय तारीख पर परीक्षाएं कराने के साथ समयबद्ध तरीके से रिजल्ट जारी हुए, लेकिन इधर कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से सारी व्यवस्था ध्वस्त हो गई। अब अनलॉक के दौरान भी कई परीक्षाओं की तिथियों का बढ़ना जारी है। वहीं कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक डीएलएड में प्रवेश शुरू नहीं किया जा सका है।
नियुक्ति देने की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं : कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के स्टेनोग्राफर ग्रेड सी और डी परीक्षा 2018 का रिजल्ट मार्च के प्रथम सप्ताह में जारी कर दिया था। परीक्षा में 3944 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। इसमें स्टेनोग्राफर ग्रेड सी में 1158 व ग्रेड डी में 2786 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। चयनितों को अप्रैल में नियुक्ति मिलनी थी, लेकिन नियुक्ति देने की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई।
स्नातक परिणाम के बाद डीएलएड में प्रवेश : प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का प्रशिक्षण डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) 2020 में प्रवेश फिलहाल रुक गया है। शासन ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को निर्देश दिया है कि प्रवेश प्रक्रिया अब स्नातक का परिणाम आने के बाद ही शुरू की जाए। ऐसे में यह प्रवेश अब स्नातक का रिजल्ट आने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।