राम मंदिर फैसले की पहली वर्षगांठ
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :देश के इतिहास में बड़े फैसलों में बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि केस को याद किया जाता है। आज ही के दिन पिछले साल 9 नवंबर को देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है। सुप्रीम कोर्ट ने 40 दिनों की लगातार सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया था, इसी के साथ 500 सालों का बहुप्रतिक्षित मंदिर निर्माण शुरू होने का सपना भी पूरा हो गया था। बीते 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाथों से राम मंदिर निर्माण में लगने वाली प्रथम 9 शिलाओं का पूजन किया और उसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो गया। भले ही जिला प्रशासन ने फैसले की पहली वर्षगांठ पर कोई भी कार्यक्रम पर रोक लगा रखी हो, लेकिन वर्तमान में अयोध्या दीपोत्सव की तैयारी में जुटी है।
शहर को सजाया जा रहा है। इस बार भी शहरवासियों को उम्मीद है कि अयोध्या को संवारने के लिए कई परियोजनाओं की घोषणाएं हो सकती हैं। इस बार 5.51 लाख दिए जलाकर अपना पिछला रिकॉर्ड अयोध्या फिर तोड़ेगी। पिछले साल 4 लाख से अधिक दीप जलाए गए थे।
अब तक राम मंदिर में निर्माण कहां तक पहुंचा?
देश की शीर्षस्थ अदालत के फैसले से उम्मीद थी कि राम मंदिर का निर्माण तेजी से शुरू होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्माण एजेंसी एलएंडटी व सोमपुरा की कंपनी को मंदिर निर्माण पूरा करने के लिए तीन साल का जो समय दिया है, उसमें मंदिर खड़ा हो जाएगा। लेकिन इसके निर्माण की गति बहुत धीमी है। अभी मंदिर के नींव के 12टेस्ट पिलर्स की मजबूती व लोड क्षमता की ही टेस्टिंग चल रही है। मंदिर के नींव के 1200 पिलर्स का निर्माण 15 अक्टूबर से शुरू करने का ऐलान ट्रस्ट ने किया था, लेकिन यह अभी भी शुरू नहीं हो सका है। निर्माण इकाई के इंजीनियरों का ही कहना है कि मंदिर के नींव के पिलर्स का ही काम पूरा होने में 5 माह का समय लग जाएगा।
अयोध्या को हाईटेक बनाएगी ये परियोजनाएं
राम की पैड़ी पर बगल जिले गोंडा से आए श्याम सिंह अपने मित्र के साथ घूम रहे हैं। पूछने पर कहते हैं कि फैजाबाद काम से आया था तो सोचा रामजी के दर्शन करता चलूं। अयोध्या कितनी बदली के सवाल पर कहते हैं कि अयोध्या बहुत बदल गयी। जो सरयू हमेशा गंदी रहती थी, बदबू आया करती थी, वहां शाम को लोग परिवार के साथ आना पसंद करते हैं तो और क्या चाहिए। जिस शहर को सिर्फ विकास की उम्मीद थी वहां एयरपोर्ट बन रहा है। धीरे धीरे विकास होगा।
जल्द बदलेगी अयोध्या की तस्वीर
अयोध्या के लोग इस बात से तो खुश हैं कि अब धार्मिक नगरी केंद्र वे प्रदेश सरकार के विकास के नक्शे पर है। पर सुस्त गति से योजनाओं पर हो रहे काम को लेकर सरकारी मशीनरी से नाराजगी भी दिख रही है। टेढ़ी बाजार के हरिकृष्ण कहते हैं कि योजनाओं को जमीन पर दिखना चाहिए। करोड़ों की योजनाओं पर काम शुरू नहीं हुआ है। इतना जरूर है कि योजनाओं के पूरा होने पर अयोध्या की तस्वीर ही बदल जाएगी।