उत्तर प्रदेशराज्य

ये इलाके पाए गए सबसे ज्यादा प्रदूषित

 स्वतंत्रदेश लखनऊराजधानी की हवा में पिछले साल की तुलना में सुधार जरूर दिखा है, लेकिन यह अब भी राष्ट्रीय मानकों से ऊपर है। भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) की नई रिपोर्ट के मुताबिक, औद्योगिक क्षेत्र अमौसी, व्यावसायिक क्षेत्र आलमबाग और आवासीय क्षेत्र गोमतीनगर में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण दर्ज किया गया है।आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण और डीआरडीओ के पूर्व निदेशक डॉ. डब्ल्यू. सेल्वमूर्ति ने मंगलवार को संस्थान के स्थापना दिवस पर पोस्ट मानसून वायु गुणवत्ता सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी की। खास बात ये है कि आईआईटीआर की ये रिपोर्ट रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (आरएसएसी) के मानसून विदाई के बाद के सर्वे के उन आंकड़ों के बेहद करीब है, जिस पर मंगलवार को अमर उजाला में विशेष रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी।

कुल नौ स्थानों पर किया गया अध्ययन
सर्वे के तहत शहर के चार आवासीय क्षेत्र (अलीगंज, विकासनगर, इंदिरानगर, गोमतीनगर), चार व्यावसायिक क्षेत्र (चारबाग, आलमबाग, अमीनाबाद, चौक) और एक औद्योगिक क्षेत्र अमौसी की वायु गुणवत्ता का अध्ययन किया गया। आवासीय में गोमतीनगर, व्यावसायिक में आलमबाग, औद्योगिक में अमौसी सबसे प्रदूषित पाए गए हैं। 

ऐसे सामने आए आंकड़े
गोमतीनगर (आवासीय) : पीएम-10 का स्तर 104.5 माइक्रोग्राम/घन मीटर, पीएम-2.5 63.6 माइक्रोग्राम/घन मीटर
आलमबाग (व्यावसायिक) : पीएम-10 125.2, पीएम-2.5 84.8 माइक्रोग्राम/घन मीटर
अमौसी (औद्योगिक) : पीएम-10 141.3, पीएम-2.5 133.8 माइक्रोग्राम/घन मीटर
राष्ट्रीय मानकों के अनुसार पीएम-10 की अधिकतम सीमा 100 और पीएम-2.5 की 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। यानी लखनऊ की हवा अब भी मध्यम प्रदूषित श्रेणी में है।

बारिश ने की प्रदूषण कम करने में मदद 
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार मानसून के दौरान अधिक वर्षा और नमी ने धूलकणों को नीचे बैठाने में मदद की। निर्माण कार्यों में कमी और यातायात में सुस्ती से भी वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। सरकार की क्लीन एयर प्लान और स्वच्छ ईंधन नीति का असर भी दिखा। ईवी और सीएनजी बसों की संख्या बढ़ने के साथ मेट्रो और नए फ्लाईओवरों ने ट्रैफिक दबाव कम किया है।

इस टीम ने तैयार की रिपोर्ट
आईआईटीआर की ओर से अध्ययन करने और रिपोर्ट तैयार करने में डॉ. अभयराज, डॉ. बी. श्रीकांत, डॉ. देवेंद्र कुमार पटेल, मो. मोजम्मिल, एस.एस. कालीकिंकर महंता, विपिन यादव, जावेद अली, प्रदीप शुक्ला, सुशील कुमार सरोज, और चंद्रप्रकाश की भूमिका रही।

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