एक और भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा, विज्ञापन में किया खेल
स्वतंत्रदेश ,लखनऊउत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में एक्सरे टेक्नीशियन के बाद अब लैब टेक्नीशियन (एलटी) की भर्ती में भी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। एक पिता की तीन से चार संतानों को लैब टेक्नीशियन बना दिया गया है। कई लोगों के पते भी समान हैं। मामले की जांच रिपोर्ट 17 सितंबर को शासन को भेजी गई है।
स्वास्थ्य विभाग में 2007 में 572 लैब टेक्नीशियन की भर्ती की गई। इनमें 35 चयनितों में कई परिवारों के एक से अधिक लोगों का चयन किया गया। इनके रोल नंबर भी एक साथ हैं। चयनित लैब टेक्नीशियनों के पिता का नाम, पता और अन्य विवरण संदेहास्पद हैं।
भाई-भतीजावाद और अनुचित लाभ देकर हुआ चयन
एक ही जिले से अधिक संख्या में अभ्यर्थियों के चयन से स्पष्ट है कि इसमें भाई-भतीजावाद और अनुचित लाभ लेकर चयन किया गया है। ये नियुक्तियां अधिक आयु वाले अभ्यर्थियों का चयन कर की गई। शासन के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के तत्कालीन आयुक्त राजेश कुमार ने जांच की। उन्होंने 17 सितंबर 2025 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को जांच रिपोर्ट भेजी है। इसमें संदेहास्पद तथ्यों को उजागर करते हुए उन्होंने उच्चस्तरीय जांच कराने की संस्तुति की है।

विज्ञापन में भी कर दिया खेल
जांच में पता चला है कि भर्ती संबंधी विज्ञापन दो अखबारों में प्रकाशित किया गया है, लेकिन पत्रावलियों में यह विज्ञापन प्रकाशित नहीं मिला है। इससे स्पष्ट है कि पदों पर चयन के प्रसार नहीं किया गया। इतना ही नहीं चयनितों के रोल नंबर रैंडम नहीं होकर एक ही क्रम में हैं, जो पारदर्शी चयन प्रक्रिया में संभव नहीं है।
लखनऊ से 56 चयनित
चयनितों में सर्वाधिक लखनऊ के 56 हैं। प्रयागराज के 41, बस्ती के 38, हरदोई के 27, आजमगढ़ व देवरिया के 25-25, बलिया के 23, महराजंगज व सिद्धार्थनगर के 21-21, गोरखपुर व कुशीनगर के 15-15 हैं। बाकी अन्य जिलों के हैं।