उत्तर प्रदेशराज्य

 कैसा होगा बांकेबिहारी मंदिर का कॉरिडोर?

स्वतंत्रदेश,लखनऊजन-जन के आराध्य श्रीकृष्ण भगवान और श्री बांकेबिहारीजी का अद्भुत जुड़ाव है। इसी को देखते हुए वास्तुकला के आधार पर नागर शैली में जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर के मॉडल पर प्रस्तावित श्री बांकेबिहारी कॉरिडोर के निर्माण पर मंथन किया जा रहा है। यह स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना होगा। दिलचस्प है कि श्रीकृष्ण के जन्मस्थान के साथ-साथ अयोध्या में श्रीराम मंदिर भी इसी शैली पर आधारित है। ऐसे में अधिकारी कॉरिडोर का निर्माण भी नागर शैली में कराने पर विचार कर रहे हैं।उस समय श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर बनाने की डिजाइन राजस्थान के प्रभाकर सोमपुरा द्वारा तैयार की गई थी। साथ ही यह निर्णय भी लिया गया था कि इसी प्रकार का भव्य मंदिर अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर बनवाया जाएगा। नतीजतन, प्रभाकर सोमपुरा के पौत्र ने अपने दादा द्वारा बनाए श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की स्थापत्य कला को बारीकी से देखने के बाद श्रीराम जन्मभूमि के डिजाइन को अंतिम रूप दिया था। श्रीकृष्ण जन्मस्थान व श्रीराम मंदिर के बाद अब वृंदावन में प्रस्तावित श्री बांकेबिहारी कॉरिडोर का भी नागर शैली के आधार पर निर्माण कराने पर विचार किया जा रहा है।नागर शैली उत्तर भारतीय हिंदू स्थापत्य कला की तीन प्रमुख शैलियों में एक है। वास्तुशास्त्र के अनुसार नागर शैली के मंदिरों की पहचान आधार से लेकर सर्वोच्च अंश तक चतुष्कोण होना बताया जाता है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र का कहना है कि फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है। सीएम योगी से मंथन के बाद इस शैली पर कार्य किया जाएगा। हालांकि श्रीकृष्ण जन्मस्थान व श्रीराम मंदिर के मॉडल के आधार पर ही कॉरिडोर निर्माण की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

श्रीबांकेबिहारी मंदिर राजस्थान की हवेली शैली पर है आधारित
इधर, श्री बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत पहलाद बल्लभ गोस्वामी का कहना है कि श्री बांकेबिहारी मंदिर राजस्थान की हवेली शैली पर आधारित है। गोस्वामी अलबेली लाल महाराज ने इसका नक्शा तैयार किया था। मंदिर में लाल पत्थर लगे हुए हैं। ये राजस्थान से ही आए थे। अंग्रेजों के जमाने में मथुरा के डीएम रहे फेडरिक ने अपनी पुस्तक द डिस्ट्रिक्ट मेमॉयर ऑफ मथुरा में भी इसका जिक्र किया है।

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