यूपी में लोकसभा चुनाव में भाजपा का बुरा हाल क्यों हुआ?
लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन पर पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार किया कि अति आत्मविश्वास ने हमारी अपेक्षाओं को चोट पहुंचाई है। जो विपक्ष पहले हार मान के बैठ गया था, वो आज फिर से उछल-कूद मचा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने प्रदेश में 2014, 2017, 2019 और 2022 में बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए विपक्ष पर लगातार दबाव बनाए रखा।
2014 और उसके बाद के चुनावों में जितना मत प्रतिशत भाजपा को मिला था, 2024 में भी उतना ही वोट पाने में पार्टी सफल रही है, लेकिन वोटों की शिफ्टिंग और अति आत्मविश्वास ने हमारी अपेक्षाओं को चोट पहुंचाई है। उन्होंने उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में भाजपा कार्यकर्ताओं को बैकफुट पर आने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपने अपना काम बखूबी किया है।
डा. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के डा. भीमराव अंबेडकर सभागार में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में योगी ने कहा कि आज आपके सहयोग से हमें प्रदेश को माफिया मुक्त करने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सभी को अभी से सक्रिय होना होगा।
सांसद के साथ ही विधायक, एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, ब्लाक प्रमुख, चेयरमैन और पार्षद सभी लोग आज से ही 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। हमें एक बार फिर प्रदेश में भाजपा का परचम लहराना है। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को इंटरनेट मीडिया पर अति सक्रिय होना होगा और किसी भी प्रकार की अफवाहों का तत्काल खंडन करना होगा। अनुसूचित जाति के महापुरुषों के बारे में भाजपा के विचारों को सबके सामने लाना होगा। 2019 में हमने इसी प्रदेश में सबसे बड़े गठबंधन (सपा-बसपा) को धराशायी किया था।