एकेटीयू की तरह नोएडा विकास प्राधिकरण से ठगे रुपये
स्वतंत्रदेश ,लखनऊशुक्रवार सुबह करीब 10 बजे साइबर क्राइम थाने की पुलिस तीनों आरोपियों को लखनऊ जेल से लेकर पहुंची। साइबर थाना प्रभारी बृजेश यादव और दो अफसरों ने आरोपियों से पूछताछ की। रात करीब आठ बजे उन्हें मेडिकल परीक्षण कराने के बाद जेल भेज दिया गया। इंस्पेक्टर यादव के मुताबिक राजेश बाबू पिछले साल जुलाई में नोएडा विकास प्राधिकरण के खाते से 200 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के मामले में आरोपी बना था। इसमें उसे और अन्य कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। साइबर थाने की पुलिस ने नोएडा पुलिस से भी जानकारी मांगी है। वहीं नोएडा पुलिस ने भी अपने मामले में राजेश बाबू को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की बात साइबर थाने की पुलिस से कही है।डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के 120 करोड़ रुपये ठगने वाले आरोपियों ने नोएडा विकास प्राधिकरण में 200 करोड़ रुपये की सेंधमारी की थी। पिछले साल नोएडा विकास प्राधिकरण में फर्जी बैंक अधिकारी बनकर आरोपी वहां जाकर मिला और 200 करोड़ रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर करा लिए थे। यह बात रिमांड पर लिए गए तीनों आरोपियों राजेश बाबू, शैलेश रघुवंशी और देवेन्द्र जोशी ने पूछताछ में बताई।

साइबर क्राइम थाने की पुलिस आरोपी राजेश को कुकरैल जंगल ले गई। राजेश ने बताया था कि उसने अपना मोबाइल जंगल में छुपा दिया था। जंगल पहुंची साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने मोबाइल को इधर-उधर तलाशा पर मोबाइल बरामद नहीं किया जा सका। इसके बाद पुलिस उसे लेकर वृंदावन कालोनी में सरगना अनुराग श्रीवास्तव के घर पहुंची, पर वहां ताला लगा मिला।
पड़ोसियों से पता चला कि अनुराग की प्रेमिका भी यहां रहती थी। इन तीनों से यूनियन बैंक के निलंबित कर्मचारियों और एकेटीयू के अफसर व फाइनेंस कंट्रोलर के बारे में भी जानकारी ली गई। आरोपियों ने भागे हुए आरोपी अनुराग और कपिल के कुछ नए ठिकानों के बारे में जानकारी दी