राजनीति

काम न आया अखिलेश का दांव

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :बहुजन समाज पार्टी में सेंधमारी कर राज्यसभा चुनाव में उसे पटखनी देने का समाजवादी पार्टी का दांव उलटा पड़ गया। अखिलेश यादव की रणनीति जल्दबाजी में फेल हो गई। बहुजन समाज पार्टी में सेंधमारी के बावजूद समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवार प्रकाश बजाज का पर्चा जांच में निरस्त हो गया, जबकि समाजवादी पार्टी को उम्मीद थी कि उसके दांव से बहुजन समाज पार्टी उम्मीदवार का पर्चा निरस्त होगा।

बसपा में सेंधमारी कर राज्यसभा चुनाव में उसे पटखनी देने का सपा का दांव उलटा पड़ गया। अखिलेश यादव की रणनीति जल्दबाजी में फेल हो गई। बसपा में सेंधमारी के बावजूद सपा समर्थित उम्मीदवार प्रकाश बजाज का पर्चा जांच में निरस्त हो गया।

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में आ गए थे। नामांकन के अंतिम दिन मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने अपने विधायकों के समर्थन से वाराणसी के प्रकाश बजाज का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरवा दिया था। यह पर्चा ऐन मौके पर समाजवादी पार्टी ने इसलिए भरवाया था क्योंकि बहुजन समाज पार्टी के कई विधायक उसके संपर्क में थे। हालांकि, जल्दबाजी में पर्चा भरने के कारण प्रकाश बजाज ने अपना हलफनामा ही अधूरा छोड़ दिया। इसके अलावा प्रस्तावकों में एक विधायक का नाम गलत भर दिया। इस कारण बुधवार देर शाम प्रकाश बजाज का पर्चा निरस्त हो गया। इससे समाजवादी पार्टी की सारी रणनीति धरी रह गई।

इससे पहले बुधवार दिन में राजनीतिक घटनाक्रम की शुरुआत सुबह 10.45 बजे के करीब हुई। बहुजन समाज पार्टी विधायक असलम राईनी, असलम अली चौधरी, हाकिम लाल बिंद, हर गोविंद भार्गव, मुज्तबा सिद्दीकी और सुषमा पटेल विधानसभा पहुंचे। वहां उन्होंने पीठासीन अधिकारी को पत्र देकर कहा कि बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी रामजी गौतम के नामांकन पत्र पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। जो भी हस्ताक्षर हैं वे फर्जी हैं।

इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे बहुजन समाज पार्टी विधायकों का काफिला समाजवादी पार्टी मुख्यालय पहुंच गया। बागी विधायकों में शामिल असलम चौधरी की पत्नी ने मंगलवार को ही समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। वहीं, काफिले में शामिल वाहनों में यूपी 32 केवी-0999 सुषमा पटेल के नाम से आरटीओ कार्यालय में दर्ज है, जबकि दूसरी गाड़ी यूपी 32 एलक्यू 4414 मुज्तबा सिद्दीकी के नाम है।

26 अक्टूबर को भी अखिलेश से मिले थे विधायक : सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले 26 अक्टूबर को भी बहुजन समाज पार्टी के कुछ विधायकों ने अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। ऐसा माना जा रहा है कि इस राजनीतिक घटनाक्रम की पटकथा उसी दिन लिख दी गई थी। इसी के बाद अखिलेश यादव ने नामांकन के आखिरी दिन ऐन मौके पर वाराणसी के प्रकाश बजाज का अपने विधायकों के समर्थन से निर्दलीय पर्चा भरवा दिया लेकिन जल्दबाजी का यह दांव समाजवादी पार्टी के काम नहीं आया।

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