सांसद बृजभूषण की सियासत पर संकट, बेटे को उम्मीदवार बना खींची लकीर
स्वतंत्रदेश ,लखनऊकैसरगंज से भाजपा सांसद एवं भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों के यौन शोषण के मामले में दिल्ली की अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। इसके बाद सजा मुकर्रर होगी। सजा हुई तो उनकी सियासत पर संकट आना तय है। बृजभूषण पर कानूनी शिकंजा कसने की संभावना के दृष्टिगत भाजपा ने लंबे वक्त तक इंतजार करने के बाद कैसरगंज से उनके बेटे करण भूषण सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। बता दें कि सिर्फ कैसरगंज ही नहीं, पूरे देवीपाटन मंडल में बृजभूषण शरण सिंह ने बीते चार दशकों के दौरान अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की है।
इस दरम्यान उन्होंने भाजपा और सपा का दामन थामा और अपनी सियासी जड़ें मजबूत करते रहे। इस क्षेत्र में उनके वर्चस्व की वजह से ही बेटे प्रतीक भूषण भाजपा के टिकट पर विधायक बने। पिछले पंचायत चुनावों में उन्होंने जिसे चाहा, वह देवीपाटन मंडल से अंबेडकरनगर तक जिला पंचायत अध्यक्ष हुआ।
यौन शोषण मामले में आरोपी होने के बाद से उनकी सियासत पर संकट मंडराने लगा। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में दोबारा टिकट पाने के लिए वह दबाव बनाए रहे। दबे शब्दों में उन्होंने टिकट न मिलने पर दूसरे खेमे में जाने का संदेश भी दिया।इसे बृजभूषण के प्रभाव व पकड़ का असर ही कहा जाएगा कि भाजपा के उनके बेटे को टिकट देने से पहले सपा और बसपा ने भी कैसरगंज से अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की थी। भाजपा ने यौन शोषण के मामले में बृजभूषण पर कानूनी शिकंजा कसने की आशंका में उन्हें तवज्जो नहीं दी, लेकिन दबदबे का ही प्रभाव था कि टिकट देते समय उनके परिवार से बाहर नहीं जा पाई। उनके छोटे बेटे करण भूषण को प्रत्याशी घोषित कर दिया।