सीएम योगी ने गीडा को करोड़ की परियोजनाओं की दी सौगात
स्वतंत्रदेश,लखनऊमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार का लक्ष्य विकसित भारत बनाने का है। विकसित भारत के इस संकल्प को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश को विकसित बनाना होगा और उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने के लिए गोरखपुर को विकसित करना होगा। विकसित देश, प्रदेश और जनपद के इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए औद्योगिक निवेश भी आवश्यक है।योगी गुरुवार को गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र को 1040 करोड़ रुपये की 20 परियोजनाओं की सौगात देने के बाद गीडा के सेक्टर 13 में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर उन्होंने गीडा की 650 करोड़ रुपये की अनुमानित आय वाली कालेसर आवासीय टाउनशिप योजना को लांच करने के साथ 300 करोड़ रुपये के निवेश वाली एसडी इंटरनेशनल की प्लास्टिक रिसाइक्लिंग एवं फूड पैकेजिंग कंटेनर यूनिट का शिलान्यास तथा 90 करोड़ रुपये के 18 विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया।राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट) के स्किल ट्रेनिंग सेंटर के पांच छात्रों को नामांकन प्रमाण पत्र भी वितरित किए।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास और रोजगार के क्षेत्र में जो परिणाम दिख रहा है, वह बेहतर कानून व्यवस्था, अच्छी सरकार और अच्छे जनप्रतिनिधियों के चुने जाने का परिणाम है। जब नीयत अच्छी होती है तो परिणाम भी अच्छे आते हैं।सीएम योगी ने कहा कि आज गीडा नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यहां गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। तब लखनऊ जाने के लिए दो रूट हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र औद्योगिक क्लस्टर के रूप में विकसित हो, इसके लिए बीते कुछ वर्षों में तमाम प्रयास हुए हैं।
वरुण ब्रेवरेज, केयान डिस्टलरीज, सीपी मिल्क, तत्वा प्लास्टिक, सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन, इंडिया ऑटोव्हील्स, बालाजी प्रोसेसर्स, रूंगटा इंडस्ट्रीज, कपिला कृषि उद्योग, सिंह पेपर प्रोजेक्ट के निवेश का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ इन्हीं निवेश परियोजनाओं से करीब 5000 युवाओं को यही नौकरी व रोजगार उपलब्ध होगा।सीएम ने कहा कि गीडा क्षेत्र में ढेर सारे अन्य उद्योग लग रहे हैं। यहां 25 एकड़ में गारमेंट पार्क, 88 एकड़ में प्लास्टिक पार्क विकसित हो रहा है तो 34 करोड रुपये की लागत से फ्लैटेड फैक्ट्री भी बन रही है। इसके अलावा सरकार 5500 एकड़ में धुरियापार मेंऔद्योगिक टाउनशिप बनाने जा रही है। उन्होंने बताया कि हाल में ही नई सीमेंट फैक्ट्री के लिए प्रस्ताव मिला है। इसके लिए निवेशक को भूमि दिखा दी गई है।
आवासीय परियोजना में हर श्रेणी के लोगों को मिलेगी सुविधा
सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2014 के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही मोदी जी ने हर जरूरतमंद व्यक्ति के लिए आवास की घोषणा की थी। देश में अब तक चार करोड़ गरीबों को सिर ढकने के लिए पक्के छत की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।उत्तर प्रदेश में 56 लाख गरीबों को मकान दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अपना पैसा देकर जो लोग आवास पाने के इच्छुक हैं, उनके लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण के साथ ही गीडा ने भी आगे कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने बताया कि गीडा की कालेसर आवासीय परियोजना में हर श्रेणी के लोगों के लिए आवास उपलब्ध हो सकेंगे।
उत्पाद की पैकेजिंग पर ध्यान देना जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी उत्पाद की पैकेजिंग का अपना महत्व है। कोई उत्पाद कितना भी अच्छा हो, अगर उसका बाहरी आवरण ठीक नहीं है तो वह बाजार की प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पाएगा। किसी उपभोक्ता की पहली नजर उत्पाद के पैकेज पर पड़ती है। अगर उत्पाद सजा हुआ है तो लोग उसे देखते हैं। उत्पाद की कीमत बढ़ाने के साथ बड़ा बाजार उपलब्ध कराने में भी पैकेजिंग महत्वपूर्ण है। उन्होंने पैकेजिंग के क्षेत्र में नई यूनिट डालने के लिए एसडी इंटरनेशनल के निदेशकों को साधुवाद दिया।
बन रहा है नया गोरखपुर
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर एक नया गोरखपुर बन रहा है। कालेसर से जंगल कौड़िया बाईपास पहले सपना था, आज हकीकत है। गोरखपुर में एम्स बन चुका है, बीआरडी मेडिकल कॉलेज का उन्नयन हो चुका है। खाद कारखाना शुरू हो चुका है। गोरखपुर में चार-चार विश्वविद्यालय स्थापित हैं। अभी गत दिनों गोरखपुर के लिए सरकार ने पशु चिकित्सा महाविद्यालय के स्वीकृति दे दी है। इसे बाद में विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।सहजनवा में अटल आवासीय विद्यालय तो हरपुर में सर्वोदय विद्यालय बन चुका है।उन्होंने कहा कि हर एक क्षेत्र में कुछ न कुछ नया हुआ है और इस नएपन के लिए हमें खुद को तैयार करना होगा।
हो रहा है युवाओं के स्केल को स्किल में बदलने का काम
सीएम योगी ने कहा कि प्रतिभाशाली युवाओं के स्केल को स्किल में बदलने का काम गीडा में स्थापित नाइलिट के स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर से हो रहा है। पहले युवा नौकरी के लिए भटकते थे, अब यही ट्रेनिंग लेकर नौकरी हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परंपरागत कोर्स के साथ ही स्किल डेवलपमेंट का प्रावधान भी किया गया है। एक युवा पढ़ाई पूरी कर जब बाहर निकलेगा तो नौकरी उसके इंतजार में होगी।