अयोध्या के लिए आठ शहरों से शुरू हुई सीधी उड़ान सेवा
स्वतंत्रदेश,लखनऊअयोध्या के नव्य-दिव्य-भव्य मंदिर में विराजित श्रीरामलला के दर्शन की चाह रखने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए अयोध्या पहुंचना और आसान हो गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्य मंत्री वीके सिंह ने 08 शहरों से अयोध्या आने-जाने के लिए स्पाइसजेट की सीधी उड़ान सेवा का शुभारंभ किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दरभंगा, अहमदाबाद, चेन्नई, जयपुर, पटना, दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु से अयोध्या के लिए स्पाइसजेट द्वारा नॉन-स्टॉप उड़ान सेवाएं शुरू होने से अयोध्या की कनेक्टिविटी और बेहतर हो गई है, इससे पर्यटन में भी वृद्धि होगी। इससे पहले दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए अयोध्या से वायु सेवा प्रारंभ हो चुकी है, जो सफलता पूर्वक संचालित हो रही है। उन्होंने कहा कि बीते 30 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्याधाम के नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। अभी एक माह ही हुआ है, लेकिन इस अल्प अवधि में ही अयोध्या की कनेक्टिविटी देश के इतने महत्वपूर्ण नगरों के साथ होना, अयोध्या के बेहतर भविष्य का संकेत देती है। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अयोध्या की शान बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग नई वायु सेवा का समुचित उपयोग करें और अयोध्या की सुंदरता और परंपरा को दुनिया के साथ साझाकरें।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या देश की आस्था का प्रतीक है। जनभावनाएं अयोध्या के साथ जुड़ी हुई हैं। प्रभु श्रीरामलला के साथ जुड़ी हैं। हर अयोध्यावासी की एक अभिलाषा थी कि अयोध्या का भी विकास होना चाहिए। आज वह सपना साकार हो रहा है। वास्तव में अयोध्या इसकी हकदार थी लेकिन किन्हीं कारणों से अयोध्या की उपेक्षा हुई। आज से 10 वर्ष पहले कोई सोचता भी नहीं था कि अयोध्या में भी कोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। कोई सोचता भी नहीं था कि अयोध्या की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। पांच सदी पूर्व जो एक कलंक अयोध्या पर लगाने का प्रयास हुआ था, उससे मुक्त होकर प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में रामलला फिर से विराजमान हो गए, इस सपने को साकार होते हुए देखकर के आज पूरी दुनिया प्रफुल्लित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी का कार्यक्रम केवल एक कार्यक्रम मात्र नहीं है। प्रभु तो सर्वव्यापी हैं लेकिन यह वास्तव में भारत के गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा हुई है। जब से श्रीरामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ है, भारत के हर नागरिक के चेहरे पर जो तेज है, जो उत्साह है, जो उमंग है, वह एक नए भारत की तस्वीर को प्रस्तुत करती है। यही ऊर्जा 2047 तक भारत को दुनिया के एक विकसित देश के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को पूरा करेगी।