उत्तर प्रदेशराज्य

 बढ़ सकती हैं आजम खां की मुश्किलें!, फैसले के करीब पहुंचा एक और मामला

स्वतंत्रदेश ,लखनऊसमाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध दर्ज एक और मुकदमा फैसले के करीब पहुंच चुका है। यह मामला गंज कोतवाली क्षेत्र का है, जिसमें आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों की ओर से डूंगरपुर बस्ती खाली कराने का आरोप है। सपा शासनकाल में डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। इस जगह पर पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर तोड़ दिया गया था। भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में डूंगरपुर प्रकरण के 12 मामले गंज कोतवाली में दर्ज कराए थे। सभी में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनके साथ मारपीट और लूटपाट की गई। मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था।इन मामलों में आजम खां समेत पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खां, सेवानिवृत्त सीओ सिटी आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ओमेंद्र चौहान, फसाहत अली खां शानू, फिरोज खां व बरकत अली ठेकेदार को नामजद किया था। इन मुकदमों में आजम खां नामजद नहीं थे, लेकिन विवेचना के दौरान जो आरोपित गिरफ्तार किए थे, उन्होंने पुलिस को बयान दिए थे कि उन्होंने आजम खां के इशारे पर मकानों में लूटपाट और तोड़फोड़ की थी। इन बयानों के आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी आरोपित बनाते हुए उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की थी।

आजम खां के विरुद्ध वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ 84 मुकदमे दर्ज हुए थे, इनमें ज्यादातर न्यायालय में विचाराधीन हैं। चार मामलों में निर्णय आ चुका है। इनमें तीन मामलों में सजा हुई थी, जबकि एक में उन्हें न्यायालय ने बरी कर दिया था।

  • सबसे पहले 27 अक्टूबर 2022 को भड़काऊ भाषण के मामले में सजा हुई थी। यह मामला मिलक कोतवाली में दर्ज हुआ था। इसमें एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी। उन्होंने सजा के खिलाफ एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में अपील की थी। वहां से उन्हें राहत मिल गई थी। सजा के फैसले को अदालत ने निरस्त कर दिया था।
  • 15 जुलाई 2023 को भड़काऊ भाषण के एक मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने आजम खां को दो साल कैद और ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। यह सजा शहजादनगर थाने में दर्ज मुकदमे में हुई थी। इसमें सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई चल रही है।
  • तीसरी बार सजा दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में हुई थी। यह सजा भी एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में 18 अक्टूबर 2023 को हुई थी। इसमें आजम खां, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को सात-सात साल कैद की सजा हुई है। इसी मामले में आजम खां सीतापुर और अब्दुल्ला हरदोई की जेल में सजा काट रहे हैं, जबकि तजीन फात्मा रामपुर जेल में बंद हैं।
  • 23 दिसंबर को पड़ोसी से मारपीट के मामले में न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया था। इसमें आजम खां के अलावा उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खां, बेटे अब्दुल्ला और भतीजे बिलाल पुत्र शरीफ खां भी आरोपित थे। सभी को न्यायालय ने आरोप साबित न होने पर बरी किया था।

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