राज्य विश्वविद्यालयों के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति के हाथों मिला मेडल
स्वतंत्रदेश , लखनऊमहात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 45वां दीक्षांत समारोह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। राज्य विश्वविद्यालयों के इतिहास में पहली पर मेधावियों को राष्ट्रपति के हाथों स्वर्ण पदक मिला। 15 मेधावियों को राष्ट्रपति ने स्वर्ण पदक प्रदान किया। देर से पहुंचने के कारण एक छात्रा को दीक्षांत समारोह स्थल पर प्रवेश नहीं मिल सका, हालांकि बाद में छात्रा को मेडल प्रदान किया गया।
सोमवार को सुबह 9:30 बजे तक गांधी अध्ययन पीठ के सभागार में 65 मेधावी छात्र-छात्राओं, पीएचडी उपाधिधारक और शिक्षकों ने अपना स्थान ग्रहण कर लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने निर्धारित समय दोपहर 12 बजे दीक्षांत समारोह में पहुंचीं। राष्ट्रपति ने कलश में पानी डालकर दीक्षांत समारोह की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने बटन दबाकर 77,692 उपाधियों को डिजी लॉकर में अपलोड कर दिया। राष्ट्रपति ने विशिष्ट पदक प्राप्त करने वाले 15 मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से उत्तीर्ण सभी छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह के पश्चात राष्ट्रपति वाराणसी एयरपोर्ट से लखनऊ के लिए रवाना हो गईं।
राष्ट्रपति के जाने के बाद 50 मेधावियों को मिला गोल्ड मेडल
राष्ट्रपति के रवाना होने के बाद गांधी अध्ययन सभागार में अन्य मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इसमें 49 स्वर्ण पदक और एक विशिष्ट स्वर्ण पदक शामिल था। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, विशिष्ट अतिथि दुर्ग सिंह चौहान और कुलपति प्रो. एके त्यागी ने मेधावियों को पदक प्रदान किया।