उत्तर प्रदेशराज्य

 एएसआई ने आज भी दाखिल नहीं की ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट

स्वतंत्रदेश , लखनऊवाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से सोमवार को जिला जज की अदालत में एक बार फिर नहीं दाखिल नहीं की जा सकी। भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित कुमार श्रीवास्तव ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है कि एएसआई के सुपरिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट अविनाश मोहंती का  अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई है। लिहाजा वह अदालत में उपस्थित होकर रिपोर्ट दाखिल करने में असमर्थ हैं। इसलिए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते बाद की तिथि नियत की जाए। जिला जज की अदालत अब एएसआई के प्रार्थना पत्र पर अपना आदेश से सुनाएगी।जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश से ज्ञानवापी परिसर (सील वजूखाने को छोड़ कर) में एएसआई ने बीते 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था। दो नवंबर को एएसआई ने कोर्ट को बताया कि सर्वे का काम पूरा हो गया है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय चाहिए। इसके बाद एएसआई ने दोबारा अतिरिक्त समय दिए जाने की कोर्ट से मांग की। तीसरी बार अतिरिक्त समय की मांग करने पर अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 दिन की मोहलत एएसआई को दी। इसके साथ ही इस प्रकरण की सुनवाई की अगली तिथि 11 दिसंबर नियत कर दी थी।

ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाना प्रकरण में पक्षकार बनने की अर्जी पर जिला जज की अदालत सोमवार को अपना आदेश सुनाएगी। यह अर्जी प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दी गई है। अदालत के आदेश से तय होगा कि वह मुकदमे में पक्षकार बनाए जाएंगे या नहीं बनाए जाएंगे।

तहखाना प्रकरण से संबंधित वाद व्यास परिवार के शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने दाखिल किया है। उन्होंने आशंका जताई है कि व्यासजी के तहखाने पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी कब्जा कर सकती है। उन्होंने अदालत से व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी को सुपुर्द किए जाने की मांग की है। 

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