उत्तर प्रदेशराज्य

शिक्षा सेवा चयन आयोग नियमावली पर सहमति

स्वतंत्रदेश , लखनऊप्रदेश में उच्च से लेकर बेसिक शिक्षा, अनुदेशकों व सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कॉलेजों में शिक्षकों के चयन के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया है। कैबिनेट ने मंगलवार को आयोग के अध्यक्ष-सदस्यों, सचिव, परीक्षा नियंत्रक आदि के चयन आदि के लिए तैयार नियमावली पर सहमति दे दी है। इससे आयोग के संचालन की कार्यवाही आगे बढ़ सकेगी।

आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का चयन एक सर्च कमेटी के माध्यम से किया जाएगा। इस कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। सर्च कमेटी की संस्तुति के अनुसार अध्यक्ष, सदस्य के चयन की सूची मुख्यमंत्री की ओर से अनुमोदित की जाएगी। वहीं आयोग में एक सचिव, एक परीक्षा नियंत्रक, एक वित्त नियंत्रक, न्यायिक सेवा के एक विधि अधिकारी, एक वित्त एवं लेखा अधिकारी, आउटसोर्स से एक कंप्यूटर व आईटी समन्वयक, चार उप सचिव भी तैनात किए जाएंगे। ये अधिकारी प्रदेश सरकार तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति के लिए तैनात किए जाएंगे। नियमावली के अनुसार उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के हर पूर्णकालिक कर्मचारी की सेवाएं भी आयोग को हस्तांतरित हो जाएंगी। इन सभी के चयन के साथ ही प्रदेश में बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा, अनुदेशकों व सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कॉलेजों में शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया भी गति पकड़ेगी।

 विंध्य और बुंदेलखंड की पाइप पेयजल परियोजनाओं की बढ़ी हुई लागत मंजूर
 योगी कैबिनेट ने जल जीवन मिशन के तहत बुंदेलखंड के बांदा, विंध्य क्षेत्र के सोनभद्र और मिर्जापुर में पांच पाइप पेयजल परियोजनाओं की संशोधित लागत को मंजूरी दी है। परियोजनाओं में स्वीकृत लागत की तुलना में कुल 245 रुपये से अधिक व्यय होंगे। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पाइप पेयजल योजना से घर घर जल पहुंचाया जा रहा है। बांदा जिले की अमलीकौर ग्राम समूह पाइप पेयजल परियोजना के लिए 814.29 करोड़ रुपये स्वीकृत कि गए थे। अब संशोधित लागत 879.34 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, इस परियोजना की लागत 65.05 करोड़ रुपये बढ़ी है।

सोनभद्र जिले की अमावर ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना के लिए 171.11 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी। अब इस योजना के लिए संशोधित लागत 237.65 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस परियोजना की लागत 66.53 करोड़ रुपये बढ़ी है। मिर्जापुर की अहुगीकला ग्राम समूह पाइप पेयजल परियोजना के भी 262.86 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी। अब परियोजना की लागत बढ़कर 328.28 करोड़ रुपये हो गई है। कैबिनेट ने बढ़ी हुई लागत 65.90 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। मिर्जापुर की ही गोथौरा एवं धौहा ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना के लिए 582.73 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। अब परियोजना की लागत बढ़कर 607.73 करोड़ रुपये हो गई है। कैबिनेट ने बढ़ी हुई लागत 25 करोड़ की मंजूरी दी है। तलार ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना के लिए 179.63 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी। परियोजना की लागत बढ़कर 203.44 करोड़ रुपये हो गई है। परियोजना की बढ़ी हुई लागत 23.81 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

ट्रिपलआईटी को निःशुल्क 50 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने पर सहमति
 कैबिनेट ने चक गजरिया सिटी, इकाना स्टेडियम के पीछे 20.241 हेक्टयेर (50 एकड़) जमीन प्राविधिक शिक्षा विभाग, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ को निःशुल्क हस्तांतरित करने पर सहमति दे दी है। ट्रिपलआईटी लखनऊ की स्थापना 2021 में की गई। इसका संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत किया जा रहा है। ट्रिपलआईटी को प्रदेश सरकार की ओर से 50 से 100 एकड़ तक जमीन की उपयुक्तता का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में ट्रिपलआईटी का संचालन 50 एकड़ जमीन पर किया जा रहा है। इसी जमीन का स्वामित्व अब प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से ट्रिपलआईटी को किए जाने पर सहमति दी गई है।

गणित विषय वालों को भी मिलेगा आयुर्वेद- यूनानी फार्मासिस्ट बनने का मौका
अब गणित विषय से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने वालों को आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी मिल सकेगी। इसके लिए फार्मासिस्ट की डिग्री लेने वालों को आयुर्वेदिक-यूनानी तिब्बती चिकित्सा पद्धति बोर्ड में पंजीयन कराना होगा। इस आशय का प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूर कर दिया गया है। इस फैसले से गणित विषय में इंटरमीडिएट करने वाले और संबंधित विषय में फार्मेसी डिप्लोमा लेने वाले करीब दो हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को फायदा होगा। वे विभाग में निकलने वाली भर्ती में इसी वर्ष शामिल हो सकेंगे।

प्रदेश में पहले सिर्फ आयुर्वेदिक-यूनानी कॉलेजों से डिप्लोमा इन फार्मेसी का प्रमाण पत्र हासिल करने वालों को विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी मिल जाती थी। इसके लिए योग्यता इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग से पास होना था। जबकि एलोपैथ की एलोपैथ और होम्योपैथ में विज्ञान वर्ग के साथ ही गणित वर्ग के छात्रों को भी डिप्लोमा की डिग्री के लिए योग्य माना गया है। ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक एवं यूनानी कॉलेजों ने भी गणित विषय वालों को डिप्लोमा की डिग्री देनी शुरू कर दी। आयुर्वेद व यूनानी विभाग की आयुर्वेदिक (भेषजिक) सेवा नियमावली में लिखा है कि विज्ञान वर्ग से इंटरमीडिएट और भेषजिक में डिप्लोमा करने वाले ही विभागीय नियुक्ति के लिए योग्य हैं। ऐसे में सेवा नियमावली में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया गया। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आयुर्वेदिक भेषजिक सेवा (प्रथम संशोधन) नियमावली 2023 एवं यूनानी भेषजिक सेवा (प्रथम संशोधन)नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी गई है। अब गणित व विज्ञान वर्ग में इंटरमीडिएट पास होने वाले छात्र आयुर्वेद व यूनानी विभाग में निकलने वाली फार्मासिस्ट पद की नियुक्ति में हिस्सा ले सकेंगे।

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