खराब हुई लखनऊ की हवा में नहीं हुआ कोई सुधार
स्वतंत्रदेश ,लखनऊअभी अपने शहर की हवा खराब है। बुधवार को लखनऊ का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 186 से अधिक रहा। शहर के कई स्थानों पर वायु की गुणवत्ता और भी खराब रही। चारबाग का एक्यूआइ सबसे अधिक 257 रहा। हवा में पीएम 2.5 के कण सेहत को खराब कर रहे हैं।वायु प्रदूषण बढ़ने की वजह से शहर के सभी अस्पतालों में अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लोहिया संस्थान, केजीएमयू, बलरामपुर, लोकबंधु और सिविल अस्पताल की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या तीस प्रतिशत बढ़ गई है। खराब हवा और बढ़ती बीमारी को देखते हुए चिकित्सक इस समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।षित हवा से सांस के रोगी सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इस समय हवा में हानिकारक कण पांच से छह फीट तक नाक की सीध में रहते हैं। बाहर निकलने पर यह कण नाक के रास्ते फेफड़े तक पहुंचता है। इसलिए मास्क लगाकर ही निकले। नवंबर तक हवा में पीएम 2.5 की स्थिति ऐसी ही रहेगी। सुबह के समय स्माग अधिक है। बाहर टहलने से भी बचना चाहिए।
हवा के संपर्क में आने से बच्चों में एलर्जी, नाक बंद होने, खांसी, आंखों से पानी आने की समस्या बढ़ रही है। ऐसे बच्चों को इन्हेलर की जरूरत है। दूषित हवा, स्माग, धुएं के संपर्क से इस समय बच्चों को बचाने की जरूरत है। जिस समय दिन में प्रदूषण अधिक हो, उस समय बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। घर में भी सही वेंटिलेशन रखने की जरूरत है।
शहर के कुछ स्थानों की 15 नवंबर को वायु की गुणवत्ता सूचकांक
स्थान- एक्यूआइ
- चारबाग- 257
- गोमतीनगर – 187
- कुकरैल पिकनिक स्पाट- 117
- लालबाग- 198
- निशातगंज- 176
- विजय खंड- 167
- तालकटोरा- 172
50 तक एक्यूआइ सेहत के लिए अच्छा वायु गुणवत्ता
सूचकांक – परिणाम
- 0- 50 – अच्छा
- 51-100- संतोजनक
- 101- 200- मध्यम
- 201-300 -खराब
- 301- 400- बहुत खराब