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त्रयोदशी पर धनतेरस के साथ ही दीपोत्सव का श्रीगणेश

स्वतंत्रदेश,लखनऊकार्तिक कृष्ण त्रयोदशी पर धनतेरस के साथ ही पंच दीपोत्सव का श्रीगणेश हो जाएगा। भगवान धनवंतरि के जन्मोत्सव के साथ ही श्रद्धालु मां अन्नपूर्णा का दर्शन-पूजन भी करेंगे। धनतेरस पर खरीदारी के लिए तीन स्थिर लग्न मिल रहे हैं, जो सुख, सौभाग्य और धन आगमन के मार्ग को प्रशस्त करेंगे।

बीएचयू के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय ने बताया कि इस वर्ष त्रयोदशी उदया तिथि के रूप में 11 नवंबर को है लेकिन ये तिथि 10 नवंबर को दिन में 11.47 बजे से लग रही है जो 11 नवंबर को मध्याह्न में 1.14 बजे तक रहेगी। यमराज को दीपदान के लिए शाम को त्रयोदशी की प्रधानता है। इसलिए 10 नवंबर को शाम त्रयोदशी प्राप्त होने से इसी दिन धनतेरस मनाया जाएगा। इसी दिन भगवान धनवंतरि ने आयुर्वेद का भी प्रादुर्भाव किया था। दीपावली पर कार्तिक त्रयोदशी को भगवान धनवंतरि की पूजा होगी। इस दिन होने वाली खरीदारी में स्थिर लग्न का मान होता है। इसमें सुबह 7.05 से 9.22 तक वृश्चिक लग्न, दिन में 1.15 बजे से 2.46 बजे तक कुंभ और शाम को 5.51 बजे से 7.47 बजे तक वृष लग्न खरीदारी के लिए उत्तम है।

करते हैं यमराज के लिए दीपदान

भगवान धनवंतरि हर प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाते हैं। भगवान धनवंतरि को सनातन धर्म में आयुर्वेद का प्रवर्तक और देवताओं का भी वैद्य माना जाता है। इसलिए कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को भगवान धनवंतरि की पूजा करना चाहिए। स्कंद पुराण के अनुसार इस दिन अपमृत्युनाश के लिए शाम को घर से बाहर यमराज के लिए दीपक का दान (जलाने) करने का विधान है। इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर के पास मां अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन पूजन भी होगा।

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