यूपी में डेंगू के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई टेंशन
स्वतंत्रदेश ,लखनऊउत्तर प्रदेश में डेंगू के मामले बढ़ने से योगी सरकार एक्टिव हो गई है। सीएम योगी के निर्देश पर डेंगू को लेकर पूरा प्रदेश अलर्ट मोड पर है। अकेले राजधानी लखनऊ में अक्टूबर महीने में एक हजार से ज्यादा केस पॉजिटिव पाए गए हैं। इसी तरह अन्य जिलों में भी रोजाना डेंगू के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। डेंगू के बढ़े मामलों को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह का कहना है कि एलाइजा टेस्ट बढ़ा देने की वजह से इतने सारे डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। अगर टेस्ट नहीं बढाते तो इतने केस नहीं आते। उन्होंने आगे कहा, सरकार की मंशा साफ है योगी सरकार कुछ भी छुपा नहीं रही है। टेस्ट कराने और डेंगू के बढ़े आंकड़े बताने में हमें कोई संकोच नहीं है। लेकिन इतना जरूर है कि पिछले साल की तुलना में 4 से 5 गुना डेंगू के मामले बढ़े हैं।योगी सरकार में चिकिस्ता शिक्षा व चिकिस्ता एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत करते हुए बताया कि डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए पूरा स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। लेकिन इतना ज्यादा पैनिक बन गया है कि जिसको डेंगू नहीं है वह भी अस्पताल की ओर भाग रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को ज्यादा से ज्यादा एलाइजा टेस्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। 80% एलाइजा टेस्ट निगेटिव आ रहा है लेकिन जो 20 प्रतिशत पॉजिटिव का आंकड़ा है वो पिछले साल की अपेक्षा बहुत ज्यादा है। रोजाना लाखों की संख्या में एलाइजा का टेस्ट हो रहा है। प्रदेश में कोई ऐसा जिला नहीं है जहां एलाइजा का टेस्ट ना होता हो। अस्पतालों में दवाइयों की कोई कमी नहीं है। डेंगू की कोई स्पेशल दवाई नहीं है। पर्याप्त मात्रा में सबकुछ उपलब्ध है।
प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर सिंह ने बताया कि डेंगू के मामले में दो तरह के टेस्ट हो रहे हैं एक एंटीजन और दूसरा एलाइजा। एलाइजा होने के बाद ही कन्फर्म होता है कि डेंगू है कि नहीं। उन्होंने कहा कि आजकल जो वायरल फीवर चल रहा है उसमें भी डेंगू के सिम्टम्स दिखाई पड़ते हैं। लेकिन असल में वह डेंगू होता नहीं है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बताया कि घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। ज्यादा घबराने की वजह से गड़बड़ी हो जा रही है। अगर किसी के 20 हजार प्लेटलेट्स हो जा रहे हैं तो उस वक्त भी ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। अगर प्रॉपर इलाज करे तो आसानी से प्लेटलेट्स बढ़ जाते हैं।
‘प्लाज्मा को लेकर लोगों में भ्रम, दोनों प्लाज्मा बराबर असरदार’
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्लाज्मा दो तरह का होता है। एक, जिसे 20 दिन तक स्टोर कर सकते हैं और दूसरे को 20 घंटे तक। 20 दिन तक प्रिजर्व करने वाले प्लाज्मा की मशीन लखनऊ के केजीएमयू में है। केजीएमयू में साढ़े 7 हजार रुपए में यह प्लाज्मा मिलता है। लोग महंगा होने की वजह से इसे अच्छा समझ रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। दोनों ही प्लाज्मा का असर बराबर होता है। मयंकेश्वर सिंह ने बताया कि प्लाज्मा सभी ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में है।
‘फ्रिज के पानी से जल्दी पनप रहे डेंगू के मच्छर’
स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि डेंगू के मामले में सबसे जरूरी बात यह है कि साफ पानी का जलभराव कहीं भी ना हो। आज कल सबसे ज्यादा डेंगू का मच्छर फ्रिज में पाया जा रहा है। यही कारण है कि डेंगू की समस्या सबसे ज्यादा नगरों और महानगरों में आ रही है। देहात में डेंगू का असर कम है। मयंकेश्वर सिंह ने बताया कि फ्रिज के फ्रीजर के नीचे वाली ट्रे में ठंडा पानी इकट्ठा हो जाता है। उन्होंने बताया कि डेंगू के मच्छर का अंडा नॉर्मली 6 दिनों में हैच होता है लार्वा के 6 दिन बाद करीब 12 दिन के प्रॉसेस के बाद मच्छर बनता है। लेकिन फ्रीजर के नीचे वाली ट्रे में पाए जाने वाले मच्छर 2 दिन में अंडे से हैच हो जाता है और 2 दिन में लार्वा से मच्छर बन जाता है इस तरह सिर्फ 4 दिन में ही मच्छर तैयार हो जा रहा है। यह बहुत ही खतरनाक टाइप का मच्छर होता है।