इकाना के बाहर टिकटों की हो रही है कालाबाजारी
स्वतंत्रदेश ,लखनऊक्या आप भी भारत-इंग्लैंड के बीच होने वाले क्रिकेट मैच के टिकट के लिए परेशान हैं? क्या आप भी ऑनलाइन टिकट के लिए कोशिशें करके थक-हार गए हैं? निस्संदेह आप अकेले नहीं परेशान हैं। इस मैच को लेकर क्रिकेट प्रेमियों में गजब का उत्साह है। इसी उत्साह को ठग और टिकट ब्लैक करने वाले कैश करने में जुटे हैं। फर्जी वेबसाइट पर बुकिंग का मामला पकड़ा ही गया था। वहीं, अब टिकट विंडो पर दलाल और ब्लैक करने वाले क्रिकेट प्रेमियों की जेब काटने में जुटे हैं।
29 अक्तूबर को होने वाले महामुकाबले को लेकर टिकट विंडो पर क्या हालात हैं, यह जानने के लिए हमारे रिपोर्टर इकाना स्टेडियम के गेट नंबर-दो पर पहुंचे। यहां जो कुछ देखने को मिला वह हैरान कर देने वाला है। दलाल दावा कर रहे हैं कि उन्होंने पहले से ही टिकट बुक करवा रखे हैं। अब वे स्टेडियम के बाहर उसे बेच रहे हैं। डेढ़ हजार रुपये का टिकट 6 हजार और 21 सौ रुपये का टिकट 10-14 हजार रुपये में बिक रहा है। विंडो पर भले ही टका सा जवाब मिल रहा हो कि ऑफलाइन टिकट नहीं है, पर दलाल बेच रहे हैं। हैरानी की बात यह भी है कि टिकटों की कालाबाजारी को रोकने वाला कोई जिम्मेदार गेट पर नजर नहीं आता।
पकड़े न जाएं इसलिए बना रखा है पूरा नेटवर्क
दलाल और टिकट ब्लैक करने वाले एजेंट काफी सतर्क दिखे। दलाल सीधे तौर पर ग्राहक से संपर्क करने से गुरेज कर रहे थे। दलालों ने अपने नीचे भी टीमें लगा रखी थीं। ये लोग ग्राहक की पहचान करते हैं। ये लोग बातचीत में खुद को दर्शक बताते हैं। बातों-बातों में पता लगाते हैं कि सामने वाला शख्स ग्राहक ही है या फिर कोई और। इसके बाद वे उसे दलाल के पास ले जाते हैं और दलाल अपने एजेंट के पास भेजते हैं।
दलाल बोला-वीडियो बना रहे हो क्या?
दलाल के साथ फुटपाथ पर बैठा रिपोर्टर टिकट के लिए दलाल से बात कर रहा था। साथी रिपोर्टर चुपके से वीडियो बना रहा था। दलाल को अंदेशा हो गया कि रिकॉर्डिंग की जा रही है। इस पर वह खड़ा हो गया और बोला कि वीडियो बना रहे हो क्या? रिपोर्टर ने भरोसा दिया कि ऐसा नहीं हो रहा है। तब वह डील को तैयार हुआ। हालांकि तब तक सारा प्रकरण वीडियो में कैद हो चुका था।
ब्लैक में टिकट लेकर भी ठगे गए
यहां एक और बड़ा खेल है। ब्लैक में टिकट खरीदने वाले भी कई बार ठगे गए हैं। दरअसल उन्हें जाली टिकट थमा दिया गया। ब्लैक में टिकट लेते ही एक युवक ने उसके बार कोड को स्कैन किया तो वह नहीं हुआ। इस पर दलाल ने फौरन यह कहते हुए उसके पैसे वापस लौटा दिए कि उसके (युवक के) मोबाइल में कुछ गड़बड़ है। यानी लोगों को ऐसे टिकट भी ब्लैक में दिए जा रहे हैं जो जाली हैं।