UPGIS-23 के प्रस्तावों पर योगी सरकार को उम्मीद
स्वतंत्रदेश , लखनऊयूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (यूपीजीआईएस-23) में हुए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की कोशिशों में जुटी राज्य सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के लिए तय लक्ष्य का करीब पचास प्रतिशत हासिल कर लिया है। जीबीसी के लिए 13 लाख करोड़ रुपये के संशोधित लक्ष्य के सापेक्ष प्रस्तावित निवेश का आंकड़ा 6.37 लाख करोड़ के करीब पहुंच गया है। दीपावली के बाद होने वाले जीबीसी समारोह के लिए 5.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश करार को तकरीबन अंतिम रूप दे दिया गया है। इनमें 1370 वे कंपनियां भी शामिल हैं, जिन्होंने यूपीजीआईएस में सरकार के साथ कोई करार नहीं किया था। इन कंपनियों के माध्यम से 64,631 करोड़ रुपये के निवेश की बात कही जा रही है।
ता दें कि यूपीजीआईएस में 25 हजार से अधिक कंपनियों ने करीब 35 लाख करोड़ रुपये का एमओयू किया था, जो कि अब बढ़कर 38.28 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए एक तिहाई से अधिक निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का लक्ष्य साधा गया है।
18 लाख लोगों का रोजगार सृजन
भूमि पूजन समारोह के लिए अब तक अंतिम रूप से चयनित कंपनियों द्वारा किए जाने वाला प्रस्तावित निवेश यदि जमीन पर उतरता है तो इससे करीब 18 लाख लोगों के रोजगार सृजन के आसार हैं। निवेश प्रस्तावों को भूमि पूजन की दहलीज तक पहुंचाने की विभागीय होड़ में नगर विकास, बेसिक शिक्षा और यूपीडा का प्रदर्शन सबसे लचर दिखा है। नगर विकास विभाग 1.25 लाख करोड़ के भारी भरकम लक्ष्य के सापेक्ष महज 645 करोड़ रुपये का निवेश ही जुटा सका है। यह निवेश भी यूपीजीआईएस में हुए करार का हिस्सा नहीं है।
गन्ना एवं चीनी विभाग हासिल किया लक्ष्य
कृषि विभाग भी 3750 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य के सापेक्ष महज 110.77 करोड़ रुपये के निवेश को ही अंतिम रूप दे सका है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण की उपलब्धि भी महज एक प्रतिशत के दायरे में है। वहीं, गन्ना एवं चीनी विभाग ने 1225 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को अंतिम रूप देते हुए निवेश लक्ष्य तकरीबन हासिल कर लिया है। अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, उच्च शिक्षा विभाग, यूपीसीडा, नोएडा भी भूमि पूजन के लिए बड़ा निवेश आकर्षित करने में सफल रहे हैं।