उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी के टॉप मेडिकल संस्थानों में 20% डॉक्टरों की कमी

स्वतंत्रदेश, लखनऊ;सरकार ODOP की तर्ज पर वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज बनाने का दावा कर रही है। लेकिन आलम यह है कि यूपी के टॉप मेडिकल संस्थानों में 20 फीसदी से ज्यादा एक्सपर्ट्स डॉक्टर के पद खाली हैं। ये वो मेडिकल कॉलेज हैं, जहां दिन-रात मरीजों भी भीड़ रहती है।बड़ी बात यह है कि हाई प्रोफाइल मरीज भी यहां से निराश होकर लौट रहे हैं। यहां तक कि विधायकों को भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। कहीं कैंसर पीड़ित महिला को 5 दिन के बाद भी वार्ड नहीं मिला तो कहीं MLC से अभद्रता की गई।

इससे पहले बीते बुधवार को देर रात करीब 11:30 बजे भाजपा MLC नरेंद्र भाटी इलाज के लिए लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की इमरजेंसी में पहुंचे। उनके पेट में भारीपन और सीने में दर्द की शिकायत थी। यहां कैजुल्टी अफसर, जूनियर रेजीडेंट ड्यूटी पर थे। MLC ने समस्या बताई तो डॉक्टर ने पर्चा मांगा।एमएलसी ने परिचय दिया तो जूनियर डॉक्टरों ने वरिष्ठ डॉक्टरों को फोन कर जानकारी दी। साथ ही पर्चा बनवाने के बाद ही इलाज कराने को कहा। अव्यवस्था, डॉक्टरों के ऐसे व्यवहार से खिन्न MLC वहां से निजी अस्पताल चले गए और इलाज कराया।अगले दिन सुबह डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से शिकायत की। सदन में भी मामला उठा तो डिप्टी सीएम ने संस्थान प्रशासन को तलब कर जांच के आदेश दिए। आनन-फानन में संस्थान प्रशासन ने जांच कराई तो डॉक्टर दोषी पाए गए।डिप्टी सीएम के आदेश पर डॉक्टर को तत्काल बर्खास्त कर इमरजेंसी के ईएमओ को चेतावनी दी गई। जूनियर रेजीडेंट डॉ. तारिक शेख की सेवा समाप्त कर दी गई है। ईएमओ डॉ. राहुल कश्यप को चेतावनी पत्र जारी किया है।

Related Articles

Back to top button