एग्जाम से नहीं पेपर लीक से डर लगता है….
स्वतंत्रदेश , लखनऊ :आज अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस है। यानी नौजवानों का दिन। बीते 6 सालों से यूपी के नौजवानों के सामने सिर्फ एक चुनौती है। नौकरी पाना। हर तीसरे दिन छात्रों के प्रदर्शन की तस्वीरें अखबारों में छप रही हैं। कभी कोई परीक्षा सालों से अटकी हुई है, कभी परीक्षा होती है तो पेपर लीक हो जाता और जब पेपर हो जाता तो रिजल्ट ही नहीं आता।दरअसल, पुरानी सरकारों में भर्तियों की धांधलियों ने लाखों लड़के-लड़कियों को माइग्रेन दे दिया था। साल 2017 में भाजपा की सरकार बनी। योगी आदित्यनाथ ने सीएम की शपथ ली। उन्होंने कहा वो नौकरियों में हो रही धांधलियां रुकवा देंगे, युवाओं को रोजगार देंगे। इसके लिए एक आयोग के गठन की बात भी कही गई। 10 महीने बाद गठन हुआ भी। नाम रखा UPSSSC यानी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग।लड़के-लड़कियां खुश हो गए कि अब हम बेरोजगार नहीं रहेंगे। परीक्षाएं होंगी, नौकरी मिलेगी। पर ऐसा हुआ नहीं। साल 2022 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बन गई लेकिन अभ्यर्थियों के हिस्से आया तो बस इंतजार। करीब 20 लाख अभ्यर्थी 6 साल से पुलिस भर्ती का इंतजार कर रहे। इतने ही अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे हैं।असल में योगी सरकार में एक-दो नहीं, कुल 9 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए। 12 से ज्यादा परीक्षाओं या रिजल्ट के इंतजार में युवा बूढ़े हो रहे। करीब 92 लाख लड़के-लड़कियों की मेहनत पानी में चली गई। आज इंटरनेशनल युवा दिवस पर हम बात करेंगे युवाओं की सबसे बड़ी समस्या यानी ‘बेरोजगारी’ की।31 जुलाई को यूपी के 12 जिलों के 501 केंद्र पर राजस्व लेखपाल के 8085 पदों के लिए मेन्स एग्जाम होना था। 2 लाख लड़के-लड़कियों ने मेन्स के लिए क्वालिफाई किया। सबने शिद्दत से तैयारी की। एग्जाम का दिन आया। परीक्षा में बेस्ट परफॉर्मेंस देने के लिए अभ्यर्थी भाग-भागकर सेंटर पर पहुंचे। परीक्षा शुरू हुई।परीक्षा के कुछ देर पहले STF को पता चला कि एग्जाम में गड़बड़ होने वाली है। STF एक्टिव हुई। एग्जाम सेंटर के एक-एक कमरे में खोज शुरू हुई। STF ने संदिग्ध अभ्यर्थियों को क्लास के बाहर बुलाया, चेकिंग की। STF ने मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया। साथ ही 15 ब्लूटूथ डिवाइस, 6 सिम कार्ड, 6 ईयर बड सेल, 6 ईयर बड डिवाइस कार्ड और 10 मोबाइल भी मिले।अभ्यर्थी फटाफट अपना एग्जाम पूरा करके हाल से बाहर आए। उन्हें पेपर लीक का पता चला तो सेंटर के बाहर हल्ला मच गया। स्टूडेंट्स घबराए हुए थे कि उनकी मेहनत बर्बाद ना हो जाए। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। पेपर लीक तो हुआ पर एग्जाम रद्द नहीं किया गया।
साल 2021: कोरोना से तो उबर रहे थे गुरु, लेकिन पेपर लीक से नहीं लड़ पाए
1. UPSSSC पेट एग्जाम: 6 अगस्त 2021, 75 जिले, पेट एग्जाम था। 20 लाख 73 हजार 540 युवा पेपर देने अपने सेंटर्स पर पहुंच गए थे। UPSSSC की तैयारी पूरी थी। 70000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। उसके बावजूद पेपर आउट हो गया।
2. यूपी टीईटी (UPTET): 28 नवंबर : इस दिन दो पेपर होने थे। एक UP SI का और दूसरा UPTET का। कई कैंडिडेट्स ने दोनों फॉर्म भरे थे। एग्जाम एक ही दे सकते थे तो UPTET देने का सोचा होगा। पहला पेपर सुबह 10 बजे से 12.30 बजे तक था जिसे 12 लाख 91 हजार 628 कैंडिडेट्स देने वाले थे।
दूसरा दोपहर 2.30 से शाम 5 बजे तक 8 लाख 73 हजार 553 कैंडिडेट्स को देना था। पहले पेपर वाले बच्चे सेंटर पर पहुंचे। एग्जाम भी टाइम से शुरू हो गया था। अचानक बीच एग्जाम में बिना कुछ बताए कैंडिडेट्स से आंसर शीट जमा करा ली गई। किसी को समझ नहीं आया कि हुआ क्या। सेंटर से बहार आए तब पता चला कि पेपर लीक हुआ है और एग्जाम रद्द कर दिया गया।
2021 की ये परीक्षा सरकार करा ही नहीं पाई
फॉरेस्ट गार्ड: 4 अप्रैल को 655 पदों पर फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा होनी थी। पर सबोर्डिनेट सिलेक्शन कमीशन ने मार्च में इसे भी रद्द कर दिए। एग्जाम के इंतजाम नहीं हो पाए थे। बोला नया शेड्यूल जल्दी बताएंगे। 9 महीने बीत चुके हैं, अब तक तो एग्जाम नहीं हुआ।
2021 की ये परीक्षा तो कराई, पर रिजल्ट लापता
सहायता प्राप्त स्कूल शिक्षक/प्रधानाचार्य (अक्टूबर 2021): 17 अक्टूबर को परीक्षा हुई। 18 अक्टूबर को पता चला डॉ.केएन काटजू इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल रामनयन द्विवेदी ने अपनी बेटी को पास कराने के लिए पेपर लीक करा दिया। एसटीएफ ने इनको तो गिरफ्तार कर लिया है। परीक्षा रद्द नहीं हुई पर जिन कैंडिडेट्स ने पेपर दिए थे उनके रिजल्ट का अब तक कुछ अता पता नहीं है।
साल 2018: कई साल इंतजार के बाद भर्तियां आईं थीं, पर 3 बड़े पेपर लीक हो गए
1. UPPCL का पेपर लीक: मार्च 2018। खूब इंतजार करने के बाद उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी UPPCL में 2849 पदों पर भर्ती आई। अलग-अलग पदों पर हजारों वैकेंसी थी। फॉर्म भरे, फीस भरी, एडमिट कार्ड लेकर, चप्पल पहनकर पेपर देने गए। भटक-भटक के सेंटर ढूंढे। क्योंकि ऑनलाइन परीक्षा थी। सेंटर ऐसे इंस्टीट्यूट्स पर गए थे जहां कंप्यूटर हों। ऐसे इंस्टीट्यूट गली-कूचे में थे। फिर भी बच्चे समय पर पहुंचे और पेपर दिया। लेकिन फिर वही। पेपर लीक। एसटीएफ को जांच में लगाया। बस इतना पता चला कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। एग्जाम रद्द कर दिया गया।
2. UPSSSC लोअर सबार्डिनेट का एग्जाम रद्द: सितम्बर 2016। सपा की सरकार थी। UPSSSC लोअर सबोर्डिनेट की 641 जगह निकली। 67 हजार 500 युवाओं ने धड़ल्ले से फॉर्म भर डाले। एग्जाम की तैयारी भी शुरू कर दी। पर दो साल तक कोई डेट नहीं आई। एक लम्बे इंतजार के बाद 15 जुलाई 2018 को एग्जाम हुआ। बस 31 हजार लड़के-लड़कियों ने ही एग्जाम दिया। वो भी पेपर लीक होने की वजह से रद्द कर दिया गया।
3. UPSSSC ट्यूबवेल ऑपरेटर परीक्षा पोस्टपोन: सितम्बर 2018। ट्यूबवेल ऑपरेटर के लिए एग्जाम होना था। इसके 3210 पदों लिए 20 लाख 5 हजार 376 फॉर्म सपा सरकार में ही भर दिए गए थे। पर फिर वही कहानी – पेपर लीक हुआ और एग्जाम पोस्टपोन हो गया।
2018 में 3 और परीक्षाएं हुई थीं, एक में गलत पेपर बांट दिया और दो में धांधली हो गई
1. यूपी आरक्षी नागरिक पुलिस: परीक्षा 18 और 19 जून 2018 को होनी थी। 10 लाख अभ्यर्थी एग्जाम देने पहुंचे। पेपर शुरू हुआ तो पता चला कि पर्चे ही गलत बांट दिए गए। पहली पाली की परीक्षा में दूसरी पाली का पेपर दे दिया गया। ये परीक्षा भी नई तारीख आने तक रद्द कर दी गई।
2. ग्राम विकास अधिकारी: मई 2018 में 1953 पदों पर ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती निकली गई। दिसम्बर 2018 में पेपर भी हुआ। 9.1 लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी। सब ठीक चल रहा था। अगस्त 2019 में रिजल्ट भी आ गया। 1.5 साल बीतने के बाद भर्ती रद्द कर दी गईं। वजह रिजल्ट के बाद धांधली।
3. 69000 शिक्षक भर्ती
तस्वीर लखनऊ के अंबेडकर पार्क की है जब 1 लाख से ज्यादा शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया।
दिसम्बर 2018: सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली।
5 जनवरी 2019: एग्जाम से एक दिन पहले पेपर आउट होने का हल्ला मचने लगा।
6 जनवरी 2019: एग्जाम होना था और हुआ भी।
7 जनवरी 2019: कैंडिडेट्स ने प्रोटेस्ट शुरू कर दिए। यूपी पुलिस और एसटीएफ ने पूरे प्रदेश में 28 लोगों को गिरफ्तार भी किया था। मामला ठंडा होता उससे पहले ही 12 मई 2020 को रिजल्ट आ गया। टॉपर्स को 150 में से 130-145 नंबर तक मिले। टॉपर भी ऐसे जिन्हें राष्ट्रपति का नाम भी नहीं पता। इनकी हाई स्कूल और इंटर की मार्कशीट भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। धांधली का शक और पक्का होने लगा। इस मामले में अभी तक कैंडिडेट्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं पर नियुक्ति मिलेगी भी या नहीं इसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया।