उत्तर प्रदेशराज्य

2 करोड़ 42 लाख गाड़ियों पर नहीं लगा HSRP नंबर

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:परिवहन विभाग के लाख दावों के बाद भी HSRP नंबर की गाड़ियों सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ लगा रही है। 16 जुलाई तक के विभागीय आकडों के मुताबिक,अभी तक महज 20.38% गाड़ियों पर HSRP नंबर मिल पाया है। यूपी में 3 करोड़ 7 लाख 45 हजार 55 गाड़ियां ऐसी हैं। जिनमें HSRP नंबर लगाना चाहिए। लेकिन इसमें से महज अभी तक 64 लाख 45 हजार 777 गाड़ी मालिकों ने HSRP नंबर लगवाया है। ऐसे में 2 करोड़ 42 लाख 99 हजार 278 गाड़ियों पर HSRP नंबर नहीं लगे है।

नेपाल से जुड़े 7 जिलों के हालत खराब

लखनऊ में तकरीबन 25% गाड़ियां बिना HSRP नंबर के चल रही है। वहीं, नेपाल से जुड़े 7 जिले पीलीभीत, लखीमपुर खिरी, बहराइज, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज के हालत ज्यादा खराब है। इसमें दोनों देशों के बीच 579 KM तक सीमा जुड़ी है।

श्रावस्ती में 5.01 %, बहराइच में 6.78 % वाहनों में लगा नंबर

इसमें सबसे खराब हाल बलरामपुर का है। यहां पर 1 लाख 82 हजार 106 गाड़ियां है। जिनमें HSRP नंबर लगाना है। इसमें महज 4.44 % गाड़ियों ने HSRP नंबर लिया है। संख्या में बात करे तो महज 8087 वाहन मालिकों के पास अब HSRP नंबर आ गया है। इसके अलावा श्रावस्ती में 5.01 %, बहराइच में 6.78 %, लखीमपुर खिरी में 10.91 % , सिद्धार्थनगर में 14.02 % का बहुत ही ज्यादा बुरा हाल है। हालांकि बलरामपुर में 37.16 %और पीलीभीत में 22.75 % की स्थिति औसत से बेहतर है।

क्राइम और अपराध पर नहीं लग पा रहा अंकुश

जानकारों का कहना है कि बिना HSRP के दौड़ रही गाड़ियों से अपराध करना आसान है। इसके अलावा इनको ट्रेस करने में भी परेशानी होती है। ऐसे में नंबर दो काम भी बहुत कम होता है। बिना HSRP की गाड़ियां टोल प्लाजा पर वे-इन मोशन की कार्रवाई से बच रही हैं। अगर HSRP नंबर रहता है तो गाड़ियों की चोरी करना भी आसान नहीं होगा। HSRP के जरिए किसी भी राज्य की पुलिस आपके गाड़ी की पूरी डिटेल तुरंत ही निकाल सकती है।

कार्रवाई की वजह से नहीं बन रहा डर

विभाग की तरफ से कार्रवाई तेजी से नहीं किया जा रहा है। स्थिति यह है कि RTO कार्यालय में आने वाली बहुत सी गाड़ियों में HSRP नंबर नहीं लगा रहता है। ऐसे में खुद पर सवाल न उठे इसके डर से विभागीय अधिकारी पूरी तरह कार्रवाई करने से बचते हैं। HSRPकी बुकिंग के लिए बनी https://bookmyhsrp.com/ पर भी बहुत धीमे गति से नंबर मिल रहा है। वहां अभी तक जितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उसमें महज 32 % लोगों की गाड़ियों पर HSRP नंबर लग पाया है।

लखनऊ का भी बुरा हाल

राजधानी लखनऊ की स्थिति भी ठीक नहीं है। कागजों पर यहां 24 लाख 24 हजार 92 गाड़ियां है। इसमें अभी तक 18 लाख 26 हजार 984 गाड़ियों पर HSRP नंबर नहीं लगा है। ऐसे में महज 5 लाख 97 हजार 108 गाड़ियों में ही HSRP लगी हैं। यह आंकड़ा 25 % के करीब है।

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