कौन बनेगा यूपी का नया डीजीपी?
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:यूपी के राजनैतिक गलियारों से लेकर पुलिस महकमे के बीच एक बार फिर कौन बनेगा डीजीपी को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसकी वजह यह है कि डीजीपी आरके विश्वकर्मा का 31 मई 2023 को कार्यकाल खत्म हो रहा है। साथ ही उन्हें स्थाई डीजी के तौर पर हरी झंडी मिलने के साथ सेवा विस्तार को लेकर कोई चर्चा नहीं है। वहीं दूसरी ओर इस बार स्थायी डीजीपी मिलेंगे या कार्यवाहक। इस पर भी कयास लगने शुरू हो गए हैं। क्योंकि डीजीपी रेस में शामिल टॉप 5 आईपीएस में तीन साइड लाइन में हैं।
अब बताते हैं कि यदि इस बार भी स्थाई डीजीपी नहीं मिला तो पिछली नियुक्ति को देखते हुए डीजी विजय कुमार रेस में सबसे आगे हैं। वहीं स्पेशल डीजीपी के कांसेप्ट पर एक बार फिर सरकार की मुहर लगती है तो डीजी प्रशांत कुमार इसके प्रबल दावेदार होंगे।
यूपी में डीजीपी की रेस में शामिल टॉप फाइव में दो आईपीएस साइड लाइन हैं। जबकि तीसरे 5 महीने से प्रतीक्षारत हैं। नियमानुसार डीजीपी की रेस में सबसे ऊपर आने वाले 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल हैं, लेकिन डीजीपी पद से हटाए जाने के चलते यह लगभग रेस से बाहर हैं। वह 11 मई 2022 से डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर कार्यरत हैं।1988 बैच के आईपीएस आनंद कुमार के नाम पर जहां पिछली बार डीजी बनने की मुहर लगने ही वाली थी कि अचानक उन्हें 31 मार्च 2023 को डीजी जेल के पद से ही हटा कर डीजी सहकारिता प्रकोष्ठ भेज दिया गया।जबकि 1989 बैच के सफी अहसान रिजवी का नाम चौथे नंबर पर आता है, लेकिन वह आजकल आईबी में नियुक्त हैं और अभी तक उनके वापस आने की कवायद शुरू नहीं हुई।केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे 1989 बैच के आईपीएस आशीष गुप्ता दो दिसंबर 2022 से ही प्रतीक्षारत हैं। जबकि चर्चा थी कि इन्हें किसी महत्वपूर्ण पद देने के लिए वापस बुलाया गया है। इससे साफ है कि नियमानुसार डीजीपी की रेस में शामिल टॉप थ्री में मुकुल गोयल, आनंद कुमार और विजय कुमार का नाम है। मौजूदा हालात को देखते हुए पहले से ही साइड लाइन चल रहे टॉप मोस्ट सीनियर आईपीएस अधिकारियों के चलते विजय कुमार की मजबूत दावेदारी मानी जा रही है।